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अग्निपथ (Agneepath) - हरिवंश राय बच्चन | Agnipath Poem By Harivansh Rai Bachchan

अग्निपथ - हरिवंश राय बच्चन

 Agnipath Poem By Harivansh Rai Bachchan

वृक्ष हों भले खड़े,
हों घने हों बड़े,
एक पत्र छाँह भी,
माँग मत, माँग मत, माँग मत,
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ

अग्निपथ - हरिवंश राय बच्चन | Agnipath (Agneepath) Poem
अग्निपथ(Agneepath) - हरिवंश राय बच्चन | Agnipath Poem By Harivansh Rai Bachchan

तू न थकेगा कभी, तू न रुकेगा कभी,
तू न मुड़ेगा कभी,
कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ,
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ ।

अग्निपथ - हरिवंश राय बच्चन | Agnipath (Agneepath) Poem
अग्निपथ(Agneepath) - हरिवंश राय बच्चन | Agnipath Poem By Harivansh Rai Bachchan

यह महान दृश्य है,
चल रहा मनुष्य है,
अश्रु श्वेत रक्त से,
लथपथ लथपथ लथपथ,
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ ।

अग्निपथ - हरिवंश राय बच्चन | Agnipath (Agneepath) Poem

Agneepath Poem By Harivansh Rai Bachchan

Agneepath Poem In Hinglish

Vriksh hon bhale khade,
hon ghane hon bade,
Ek patra chhah bhi
maang mat, maang mat, maang mat,
Agnipath, Agnipath, Agnipath.

Tu na thakega kabhi
tu na thamega kabhi
tu na mudega kabhi,
Kar shapath, Kar shapath, Kar shapath,
Agnipath, Agnipath, Agnipath.

अग्निपथ(Agneepath) - हरिवंश राय बच्चन | Agnipath Poem By Harivansh Rai Bachchan
अग्निपथ(Agneepath) - हरिवंश राय बच्चन | Agnipath Poem By Harivansh Rai Bachchan

Ye Mahaan Drishya hai,
Chal raha Manushya hai,
Ashru, swed, rakta se
Lathpath Lathpath Lathpath..
Agnipath, Agnipath, Agnipath.

Agneepath Poem By Harivansh Rai Bachchan

Agneepath Poem English Translation

Even if there are mighty trees all around you,
Let them be shady, let them be huge,
But, even for the shade of a single leaf,
Beg not, beg never, ask never!
The path of fire you shall tread! 
The path of fire! Yes, That Path of Fire!
अग्निपथ(Agneepath) - हरिवंश राय बच्चन | Agnipath Poem By Harivansh Rai Bachchan
अग्निपथ(Agneepath) - हरिवंश राय बच्चन | Agnipath Poem By Harivansh Rai Bachchan

You shall never tire,
You shall never slow down,
You shall never turn back,
This oath you will take today!
This oath you will fulfill in your life!
Take this oath!
And walk the Path of Fire, every single day!
The oath of fire! Yes, That Path of Fire!

What greater spectacle,
Than to see such a man walk,
Who in tears, sweat and blood,
Is soaked, covered and coated;
And still walks on in the Path of fire!
Walks the path of fire! 
Yes, That Path of Fire!

अग्निपथ - हरिवंश राय बच्चन

 Agnipath Poem By Harivansh Rai Bachchan

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