ज़िक्र एक बेवफा और सितमगर का था - Zikr Ek Bewafa Aur Sitamgar Ka Tha Qwalli Lyrics | Nusrat Fateh Ali Khan
ज़िक्र एक बेवफा और सितमगर का था - Zikr Ek Bewafa Aur Sitamgar Ka Tha Qwalli Lyrics Nusrat Fateh Ali Khan Qwalli Lyrics सादगी तो हमारी जरा देखिये, एतबार आपके वादे पे कर लिया | मस्ती में इक हसीं को ख़ुदा कह गए हैं हम, जो कुछ भी कह गए वज़ा कह गए हैं हम || बारस्तगी तो देखो हमारे खुलूश कि, किस सादगी से तुमको ख़ुदा कह गए हैं हम || किस शौक किस तमन्ना किस दर्ज़ा सादगी से, हम करते हैं आपकी शिकायत आपही से || तेरे अताब के रूदाद हो गए हैं हम, बड़े खलूस से बर्बाद हो गए हैं हम || ज़िक्र एक बेवफा और सितमगर का था - Zikr Ek Bewafa Aur Sitamgar Ka Tha Qwalli Lyrics सादगी तो हमारी जरा देखिये, एतबार आपके वादे पे कर लिया | बात तो शीर्फ एक रात की थी मगर, इंतज़ार आपका उम्रभर कर लिया || इश्क में उलझने पहले ही कम न थी, और पैगामे आ-दर्दे-सर कर लिया | लोग डरते हे कातिल की परछाईं से, हमने कातिल के दिल में भी घर कर लिया || जिक्र इक बेवफ़ा और सितम ग़र का था, आपका ऐसी बातों से क्या वास्ता || आप तो बेवफा और सितमगर नहीं, आपने किस लिए मुह उधर कर लिय...