युद्ध है समक्ष तो - महाभारत पर हिंदी कविता | Yudh Hai Samaksh To Mahabharata Poem Lyrics - Mahabharata Hindi Poems
युद्ध है समक्ष तो - Yudh Hai Samaksh To|महाभारत पर हिंदी कविता Mahabharata Hindi Poems युद्ध है समक्ष तो - Yudh Hai Samaksh To युद्ध है समक्ष तो, विपक्ष और पक्ष के, प्रत्येक दक्ष का भी धीर क्क्ष डोलने लगा | और देख दशा द्रोपदी की वीर पुत्र पांडवो के, धमनियों में बूँद-बूँद रक्त खोलने लगा || पांचजन्य की सुनी जो गूंज ले भुजाओ में, हर एक वीर अस्त्र और शस्त्र तौलने लगा | धड़ गिरे विशाल हो बेहाल देख के कपाल , काल भी तो जय-जय महाकाल बोलने लगा || हे शंभू ,कहो ! विशाल समर में जीवन का उत्थान निकट है, युद्ध हुआ तो अधर्म के अंधियारे का अपमान निकट है | कटे शीश और कटी भुजाएं , फिर निश्चित ही बिखरेगी, नए भोर की सूर्य किरण फिर, श्रोणित पर ही पसरेगी || रण-भूमि में वीरों की गर्जन से अंबर डोलेगा, कटते धड़ हर एक मानो जय-जय शंभू की बोलेगा | गुरुजन के आशीषो का उत्तर , तलवारो से होगा, इंद्र विजयी वीरों का भी परिचय संहारो से होगा || बाण चलाये जायेगे फिर मेघ-मल्हार बुलाने को, शैया सजती जायेगी , वीरों को गले लगाने को | निर्दोष प्रजा पर मृत्यु के आलिंगन ...