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नौजवाँ लोग पजामे को बुरा कहते हैं – तंज़िया उर्दू शायरी, समाज और सियासत पर व्यंग्य

देशभक्ति हिंदी कविता | Patriotic Poems In Hindi | Independence Day Poems In Hindi

देशभक्ति हिंदी कविता

 Patriotic Poems In Hindi

देशभक्ति हिंदी कविता | Patriotic Poems In Hindi

रक्त हैं यह वीरों का --> HERE
 मिली हमें जो आज़ादी --> HERE
हे भारत के राम जगो --> HERE
स्वतंत्र दिवस पर हिंदी कवितायेँ --> HERE
गणतंत्र दिवस पर हिंदी कवितायेँ --> HERE
आज तिरगां फरहराते है --> HERE
मेरे भारत में  --> HERE
गाँधी जी ! गाँधी जी ! कैसा लगा आपको? --> HERE
गगन में लहरता है भगवा हमारा --> HERE

था सर्वोपरि निज देश --> HERE

देशभक्ति हिंदी कविता | Patriotic Poems In Hindi
आज सिन्धु में ज्वार उठा है --> HERE
आए जिस-जिस की हिम्मत हो --> HERE
कदम मिलाकर चलना होगा --> HERE
 मस्तक नहीं झुकेगा --> HERE
 कण्ठ-कण्ठ में एक राग है --> HERE
सिंहासन खाली करो कि जनता आती है --> HERE
मेरा भारत महान --> HERE
पद्मिनी गोरा बादल -- > HERE
चन्दन है इस देश की माटी --> HERE
यह परम्परा का प्रवाह है --> HERE
हार --> HERE
आज तिरगां फरहराते है --> HERE
THE HEAD THAT WORE --> HERE
आज देश की मिट्टी बोल उठी है --> HERE
गांव से ग्लोबल तक --> HERE

Mera Desh Jal Raha, Koi Nhi Bujhanewala --> HERE

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Famous Poems

महाभारत पर रोंगटे खड़े कर देने वाली हिंदी कविता - Mahabharata Poem On Arjuna

|| महाभारत पर रोंगटे खड़े कर देने वाली कविता || || Mahabharata Poem On Arjuna ||   तलवार, धनुष और पैदल सैनिक कुरुक्षेत्र में खड़े हुए, रक्त पिपासु महारथी इक दूजे सम्मुख अड़े हुए | कई लाख सेना के सम्मुख पांडव पाँच बिचारे थे, एक तरफ थे योद्धा सब, एक तरफ समय के मारे थे | महा-समर की प्रतिक्षा में सारे ताक रहे थे जी, और पार्थ के रथ को केशव स्वयं हाँक रहे थे जी ||    रणभूमि के सभी नजारे देखन में कुछ खास लगे, माधव ने अर्जुन को देखा, अर्जुन उन्हें  उदास लगे | कुरुक्षेत्र का महासमर एक पल में तभी सजा डाला, पांचजन्य  उठा कृष्ण ने मुख से लगा बजा डाला | हुआ शंखनाद जैसे ही सब का गर्जन शुरु हुआ, रक्त बिखरना हुआ शुरु और सबका मर्दन शुरु हुआ | कहा कृष्ण ने उठ पार्थ और एक आँख को मीच जड़ा, गाण्डिव पर रख बाणों को प्रत्यंचा को खींच जड़ा | आज दिखा दे रणभूमि में योद्धा की तासीर यहाँ, इस धरती पर कोई नहीं, अर्जुन के जैसा वीर यहाँ ||    सुनी बात माधव की तो अर्जुन का चेहरा उतर गया, ...

Arey Dwarpalo Kanhaiya Se Keh Do Lyrics | अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो लिरिक्स

Arey Dwarpalo Kanhaiya Se Keh Do Lyrics अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो लिरिक्स

Dar Pe Sudama Garib Aa Gaya Hai Lyrics | दर पे सुदामा गरीब आ गया है

Dar Pe Sudama Garib Aa Gaya Hai Lyrics दर पे सुदामा गरीब आ गया है  लिरिक्स देखो देखो ये गरीबी, ये गरीबी का हाल । कृष्ण के दर पे, विश्वास लेके आया हूँ ।। मेरे बचपन का यार है, मेरा श्याम । यही सोच कर मैं, आस कर के आया हूँ ।। अरे द्वारपालों, कन्हैया से कह दो । अरे द्वारपालों, कन्हैया से कह दो ।। के दर पे सुदामा, गरीब आ गया है । के दर पे सुदामा, गरीब आ गया है ।। भटकते भटकते, ना जाने कहां से । भटकते भटकते, ना जाने कहां से ।। तुम्हारे महल के, करीब आ गया है । तुम्हारे महल के, करीब आ गया है ।। ना सर पे है पगड़ी, ना तन पे हैं जामा । बता दो कन्हैया को, नाम है सुदामा ।। Dar Pe Sudama Garib Aa Gaya Hai Lyrics दर पे सुदामा गरीब आ गया है  लिरिक्स बता दो कन्हैया को, नाम है सुदामा । बता दो कन्हैया को, नाम है सुदामा ।। ना सर पे है पगड़ी, ना तन पे हैं जामा । बता दो कन्हैया को, नाम है सुदामा ।। हो..ना सर पे है पगड़ी, ना तन पे हैं जामा । बता दो कन्हैया को, नाम है सुदामा ।। बता दो कन्हैया को । नाम है सुदामा ।। इक बार मोहन, से जाकर के कह दो । तुम इक बार मोहन, से जाकर के कह दो ।। के मिलने सखा, बदनसीब आ...

सादगी तो हमारी जरा देखिये | Saadgi To Hamari Zara Dekhiye Lyrics | Nusrat Fateh Ali Khan Sahab

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