Gandhi Ji! Gandhi Ji! Kaisa Laga Aapko Hindi Poem By Harsh Nath Jha - गाँधी जी ! गाँधी जी ! कैसा लगा आपको?
Gandhi Ji! Gandhi Ji! Kaisa Laga Aapko Hindi Poem By Harsh Nath Jha - गाँधी जी ! गाँधी जी ! कैसा लगा आपको?
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कैसा लगा आपको ?
कैसा लगा आपको ?
गाँधी जी ! गाँधी जी !
कैसा लगा आपको ?
भारत को बाँटा था जब
अपनों को काटा था जब
सपनों को छाँटा था जब
रोयीं थी भारत माता जब |
नेहरू जी को तार दिया
सरदार को हार दिया
दुष्टों को भी प्यार दिया
अपनों ने ही मार दिया |
प्रियदर्शिनी का साम्राज्य हुआ
इमरजेंसी का आगाज़ हुआ
दंगाइयों का ताज हुआ
डर, दहशत का राज हुआ |
असत्य का प्रसार हुआ
हैवानों का प्रचार हुआ
भारतीयों से दुराचार हुआ
हर तरफ नर-संहार हुआ |
कैसा लगा आपको ?
कैसा लगा आपको ?
गाँधी जी ! गाँधी जी !
कैसा लगा आपको ?
माँ, बेटे को मारा जब
भारत युद्ध था हारा जब
बाबरी को तोड़ा जब
प्रेम, न्याय को छोड़ा जब |
धर्म पर जब दंगे हुए
राजनेता जब नंगे हुए
धर्मगुरु बेढंगे हुए
न्यायाधीश जब गूंगे हुए |
युद्ध जीते, युद्ध हारे
खुद मरे, बहुतों को मारे
गाली जिनको देते सारे
खीर खाकर आते प्यारे |
इतिहास को दोहराते देख
कैसा लगा आपको ?
कैसा लगा आपको ?
गाँधी जी ! गाँधी जी !
कैसा लगा आपको ?
गांधी जी पर हिंदी कविता
महात्मा गांधी पर हिंदी कविता
जब शहीदों का अपमान हुआ
धूमिल भारत का सम्मान हुआ
आँसू तो आये होंगे न आपके
जब भारतवर्ष बदनाम हुआ |
लाशें को गंगा में बहना पड़ा
बेटियों को कितना सहना पड़ा
चोरों की शरण को गहना पड़ा
लाशों को कतारों में रहना पड़ा |
जब निर्भया चीखती रही
जब दुनिया देखती रही
बस आँखें मीचती रही
और मोमबत्ती बेचती रही |
फिर मारा उन्होंने आपको
रोज़ आपको मारते हैं ये
आपके सिद्धांतों पर हँसतें हैं
आप के नाम पर
बस वोट मांगते हैं ये |
कैसा लगा आपको ?
कैसा लगा आपको ?
गाँधी जी ! गाँधी जी !
कैसा लगा आपको ?
इन्होंने भारत को कंगाली दी
भारत की तिज़ोरी खाली की
महात्माओं को गाली दी
कातिलों को ताली दी |
सुनकर ये सवाल मुड़ गए बापू
उत्तर न मुझको दे पाए
आखों के अश्रु छुपाने को
मेरे समक्ष न रह पाए
इन कटु प्रश्नों को
राष्ट्रपिता न सह पाए
कुछ कुपुत्रों के कर्मों पर
बस मौन ही वो रह पाए |
जिसको न कोई हरा पाया
काल तक न डरा पाया
हर परिस्थिति में खड़ा पाया
जिसको न कोई हरा पाया |
हार गया वह बापू मेरा
परदेशियों से जो लड़ता रहा
अपनों ने खंजर भोंक दिया
घुट-घुटकर मरता रहा |
पूछते वो प्रश्न
मेरी आखों में आँसू थे
मैं जानता था बापू हार गया
आत्मा रोयीं होगी उनकी
जब अपनों ने प्रहार किया |
कैसा लगा आपको ?
कैसा लगा आपको ?
गाँधी जी ! गाँधी जी !
कैसा लगा आपको ?
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Harsh Nath Jha