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Hindi Poem On RCB Winning IPL | Royal Challengers Bangalore Ipl Win Poem - Hindi Poem On RCB

 Hindi Poem On RCB Winning IPL | Royal Challengers Bangalore Ipl Win Poem

 सच है, विपत्ति जब आती है - Sach Hai, Vipatti Jab Aati Hai | भूखण्ड-विजेता कौन हुआ?

Hindi Poem On RCB Winning IPL | Royal Challengers Bangalore Ipl Win Poem

सच है, विपत्ति जब आती है,

कायर को ही दहलाती है,
शूरमा नहीं विचलित होते,
क्षण एक नहीं धीरज खोते,
विघ्नों को गले लगाते हैं,
काँटों में राह बनाते हैं।
Hindi Poem On RCB Winning IPL | Royal Challengers Bangalore Ipl Win Poem
मुख से न कभी उफ कहते हैं,
संकट का चरण न गहते हैं,
जो आ पड़ता सब सहते हैं,
उद्योग-निरत नित रहते हैं,
शूलों का मूल नसाने को,
बढ़ खुद विपत्ति पर छाने को।

है कौन विघ्न ऐसा जग में,
टिक सके वीर नर के मग में
खम ठोंक ठेलता है जब नर,
पर्वत के जाते पाँव उखड़।
मानव जब जोर लगाता है,
पत्थर पानी बन जाता है।
Hindi Poem On RCB Winning IPL | Royal Challengers Bangalore Ipl Win Poem

गुण बड़े एक से एक प्रखर,
हैं छिपे मानवों के भीतर,
मेंहदी में जैसे लाली हो,
वर्तिका-बीच उजियाली हो।
बत्ती जो नहीं जलाता है
रोशनी नहीं वह पाता है।

पीसा जाता जब इक्षु-दण्ड,
झरती रस की धारा अखण्ड,
मेंहदी जब सहती है प्रहार,
बनती ललनाओं का सिंगार।
जब फूल पिरोये जाते हैं,
हम उनको गले लगाते हैं।
Hindi Poem On RCB Winning IPL | Royal Challengers Bangalore Ipl Win Poem

 सच है, विपत्ति जब आती है?
भूखण्ड-विजेता कौन हुआ?
अतुलित यश क्रेता कौन हुआ?
नव-धर्म प्रणेता कौन हुआ?
जिसने न कभी आराम किया,
विघ्नों में रहकर नाम किया।

जब विघ्न सामने आते हैं,
सोते से हमें जगाते हैं,
मन को मरोड़ते हैं पल-पल,
तन को झँझोरते हैं पल-पल।
सत्पथ की ओर लगाकर ही,
जाते हैं हमें जगाकर ही।
Hindi Poem On RCB Winning IPL | Royal Challengers Bangalore Ipl Win Poem


वाटिका और वन एक नहीं,
आराम और रण एक नहीं।
वर्षा, अंधड़, आतप अखंड,
पौरुष के हैं साधन प्रचण्ड।
वन में प्रसून तो खिलते हैं,
बागों में शाल न मिलते हैं।

कङ्करियाँ जिनकी सेज सुघर,
छाया देता केवल अम्बर,
विपदाएँ दूध पिलाती हैं,
लोरी आँधियाँ सुनाती हैं।
जो लाक्षा-गृह में जलते हैं,
वे ही शूरमा निकलते हैं।
Hindi Poem On RCB Winning IPL | Royal Challengers Bangalore Ipl Win Poem

बढ़कर विपत्तियों पर छा जा,
मेरे किशोर! मेरे ताजा!
जीवन का रस छन जाने दे,
तन को पत्थर बन जाने दे।
तू स्वयं तेज भयकारी है,
क्या कर सकती चिनगारी है?
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Hindi Poem On RCB Winning IPL | Royal Challengers Bangalore Ipl Win Poem

Hindi Poem On RCB Winning IPL | Royal Challengers Bangalore Ipl Win Poem

 सच है, विपत्ति जब आती है - Sach Hai, Vipatti Jab Aati Hai | भूखण्ड-विजेता कौन हुआ?

Hindi Poem On RCB Winning IPL

Royal Challengers Bangalore Ipl Win Poem



लाल जर्सी, जज़्बा वही,
बरसों से जो अधूरी रही।
सपनों का वो ताज मिला,
आरसीबी ने इतिहास रचा।।

कोहली की आंखों में नमी,
पर वो थी खुशी की झलक।
जितनी मेहनत की थी उसने,
हर पल था उसका फलक।।

फाफ ने कमान संभाली थी,
मैक्सवेल ने छक्के बरसाए।
सिराज की गेंदों की आँधी,
हर टीम को नींदें उड़ाए।।

चिन्नास्वामी गूंज उठा फिर,
"ई साल कप नामदे", बोल पड़ा।
हर RCB फैन ने थामा हाथ,
हर सपना अब सच हुआ।।

१६ साल की वो प्यास बुझे,
ट्रॉफी आई जब घर।
बेंगलुरु में जश्न मना,
पूरा भारत हुआ एकसर।।

अब ना कोई तंज करेगा,
ना बोलेगा “Ee Saala Cup Namde” मजाक।
क्योंकि आज सच हुआ सपना,
जीत गई आरसीबी की टीम नेक।।


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