सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

New !!

Auratein - औरतें By रमाशंकर यादव विद्रोही | Women Empowerment Poems

मस्त नज़रों से अल्लाह बचाए - Mast Nazron Se Allah Bachaye | Nusrat Fateh Ali Khan Qwalli Lyrics

मस्त नज़रों से अल्लाह बचाए - Mast Nazron Se Allah Bachaye

 Nusrat Fateh Ali Khan Qwalli Lyrics


मस्त नज़रों से अल्लाह बचाए मह-जमालों से अल्लह बचाए

हर बला सर पे आ जाए मेरी हुस्न वालों से अल्लह बचाए

मस्त नज़रों से अल्लाह बचाए - Mast Nazron Se Allah Bachaye | Nusrat Fateh Ali Khan Qwalli Lyrics

इन की मा'सूमियत पर न जाना इन के धोके में हरगिज़ न आना

लूट लेते हैं ये मुस्कुरा कर इन की चालों से अल्लह बचाए


भोली सूरत है बातें हैं भोली मुँह में कुछ है मगर दिल में कुछ है

लाख चेहरा सही चाँद जैसा दिल के कालों से अल्लह बचाए


दिल में है ख़्वाहिश-ए-हूर-ओ-जन्नत और ज़ाहिर में शौक़-ए-इबादत

बस हमें शैख़ जी आप जैसे अल्लाह-वालों से अल्लह बचाए


इन की फ़ितरत में है बेवफ़ाई जानती है ये सारी ख़ुदाई

अच्छे-अच्छों को देते हैं धोका भोले-भालों से अल्लह बचाए |


मस्त नज़रों से अल्लाह बचाए - Mast Nazron Se Allah Bachaye

 Nusrat Fateh Ali Khan Qwalli Lyrics


Koi dil mein liye armaan chala jaata hai
Koi khoye huay ausaar chala jaata hai
Husn walon se yeh keh do ke na niklein bahir
Dekhne walon ka eimaan chala jaata hai

Mast nazron se Allah bachaye
Mahjamalon se Allah bachaye
Mast nazron se Allah bachaye
Mahjamalon se Allah bachaye

Har bala sar pe aa jaye lekin
Husn walon se Allah bachaye

Inki maasoomiyat par na jaana
Inke dhoke mein har giz na aana
Loot lete hain yeh muskura kar
In ki chalon se Allah bachaye

Inki maasoomiyat par na jaana
Inke dhoke mein har giz na aana
Loot lete hain yeh muskura kar
Inki chalon se Allah bachaye

Loot lete hain yeh muskura kar
Inki chalon se Allah bachaye
Loot lete hain ye, loot lete hain
Ye loot lete hain, ye loot lete hain

Ye loot lete hain, ye loot lete hain
Jalakrukhi dikha kar, muskura kar loot lete hain
Nigao se nigao ko mila kar loot lete hain
Ye atchi pardadaadi hain, ye atchi dilnawazi hain
Hasa kar loot lete hain, rula kar loot lete hain

Ye loot lete hain, ye loot lete hain
Ye loot lete hain, ye loot lete hain

Husn waale wafa nahi karte
Ishq waale dagha nahi karte
Zulm karna to inki aadat hain
Ye kisi ka bhala nahi karte

मस्त नज़रों से अल्लाह बचाए - Mast Nazron Se Allah Bachaye | Nusrat Fateh Ali Khan Qwalli Lyrics

 

Ye loot lete hain, ye loot lete hain
Ye loot lete hain, ye loot lete hain

Amir is raaste se jo guzrte hain woh kehte hain
Muhalla hain haseeno ka, ke ki basti hain

Ye loot lete hain, ye loot lete hain
Loot lete hain yeh muskura kar

Inki chalon se Allah bachaye
Inki fitrat mein hain be-wafaai
Jaanti hain ye saari khudaaee

Acchhe-acchhon ko dete hain dhoka
Bhole-bhalo se Allah bachaye
Acchhe-acchhon ko dete hain dhoka
Bhole-bhalo se Allah bachaye
Mast nazron se Allah bachaye
Mahjamalon se Allah bachaye

मस्त नज़रों से अल्लाह बचाए - Mast Nazron Se Allah Bachaye

Nusrat Fateh Ali Khan Qwalli Lyrics

Famous Poems

महाभारत पर रोंगटे खड़े कर देने वाली हिंदी कविता - Mahabharata Poem On Arjuna

|| महाभारत पर रोंगटे खड़े कर देने वाली कविता || || Mahabharata Poem On Arjuna ||   तलवार, धनुष और पैदल सैनिक कुरुक्षेत्र में खड़े हुए, रक्त पिपासु महारथी इक दूजे सम्मुख अड़े हुए | कई लाख सेना के सम्मुख पांडव पाँच बिचारे थे, एक तरफ थे योद्धा सब, एक तरफ समय के मारे थे | महा-समर की प्रतिक्षा में सारे ताक रहे थे जी, और पार्थ के रथ को केशव स्वयं हाँक रहे थे जी ||    रणभूमि के सभी नजारे देखन में कुछ खास लगे, माधव ने अर्जुन को देखा, अर्जुन उन्हें  उदास लगे | कुरुक्षेत्र का महासमर एक पल में तभी सजा डाला, पांचजन्य  उठा कृष्ण ने मुख से लगा बजा डाला | हुआ शंखनाद जैसे ही सब का गर्जन शुरु हुआ, रक्त बिखरना हुआ शुरु और सबका मर्दन शुरु हुआ | कहा कृष्ण ने उठ पार्थ और एक आँख को मीच जड़ा, गाण्डिव पर रख बाणों को प्रत्यंचा को खींच जड़ा | आज दिखा दे रणभूमि में योद्धा की तासीर यहाँ, इस धरती पर कोई नहीं, अर्जुन के जैसा वीर यहाँ ||    सुनी बात माधव की तो अर्जुन का चेहरा उतर गया, ...

सच है, विपत्ति जब आती है, कायर को ही दहलाती है - Sach Hai Vipatti Jab Aati Hai

  सच है, विपत्ति जब आती है, कायर को ही दहलाती है रामधारी सिंह "दिनकर" हिंदी कविता दिनकर की हिंदी कविता Sach Hai Vipatti Jab Aati Hai सच है, विपत्ति जब आती है, कायर को ही दहलाती है, शूरमा नहीं विचलित होते, क्षण एक नहीं धीरज खोते, विघ्नों को गले लगाते हैं, काँटों में राह बनाते हैं। मुख से न कभी उफ कहते हैं, संकट का चरण न गहते हैं, जो आ पड़ता सब सहते हैं, उद्योग-निरत नित रहते हैं, शूलों का मूल नसाने को, बढ़ खुद विपत्ति पर छाने को। है कौन विघ्न ऐसा जग में, टिक सके वीर नर के मग में ? खम ठोंक ठेलता है जब नर , पर्वत के जाते पाँव उखड़। मानव जब जोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है । Sach Hai Vipatti Jab Aati Hai गुण बड़े एक से एक प्रखर, हैं छिपे मानवों के भीतर, मेंहदी में जैसे लाली हो, वर्तिका-बीच उजियाली हो। बत्ती जो नहीं जलाता है, रोशनी नहीं वह पाता है। पीसा जाता जब इक्षु-दण्ड , झरती रस की धारा अखण्ड , मेंहदी जब सहती है प्रहार, बनती ललनाओं का सिंगार। जब फूल पिरोये जाते हैं, हम उनको गले लगाते हैं। वसुधा का नेता कौन हुआ? भूखण्ड-विजेता कौन हुआ ? अतुलित यश क्रेता कौन हुआ? नव-धर्म प्...

Kahani Karn Ki Poem Lyrics By Abhi Munde (Psycho Shayar) | कहानी कर्ण की - Karna Par Hindi Kavita

Kahani Karn Ki Poem Lyrics By Psycho Shayar   कहानी कर्ण की - Karna Par Hindi Kavita पांडवों  को तुम रखो, मैं  कौरवों की भी ड़ से , तिलक-शिकस्त के बीच में जो टूटे ना वो रीड़ मैं | सूरज का अंश हो के फिर भी हूँ अछूत मैं , आर्यवर्त को जीत ले ऐसा हूँ सूत पूत मैं |   कुंती पुत्र हूँ, मगर न हूँ उसी को प्रिय मैं, इंद्र मांगे भीख जिससे ऐसा हूँ क्षत्रिय मैं ||   कुंती पुत्र हूँ, मगर न हूँ उसी को प्रिय मैं, इंद्र मांगे भीख जिससे ऐसा हूँ क्षत्रिय मैं ||   आओ मैं बताऊँ महाभारत के सारे पात्र ये, भोले की सारी लीला थी किशन के हाथ सूत्र थे | बलशाली बताया जिसे सारे राजपुत्र थे, काबिल दिखाया बस लोगों को ऊँची गोत्र के ||   सोने को पिघलाकर डाला शोन तेरे कंठ में , नीची जाती हो के किया वेद का पठंतु ने | यही था गुनाह तेरा, तू सारथी का अंश था, तो क्यों छिपे मेरे पीछे, मैं भी उसी का वंश था ?   यही था गुनाह तेरा, तू सारथी का अंश था, तो क्यों छिपे मेरे पीछे, मैं भी उसी का वंश था ? ऊँच-नीच की ये जड़ वो अहंकारी द्रोण था, वीरों की उसकी सूची में, अर्...

सादगी तो हमारी जरा देखिये | Saadgi To Hamari Zara Dekhiye Lyrics | Nusrat Fateh Ali Khan Sahab

Saadgi To Hamari Zara Dekhiye Lyrics सादगी तो हमारी जरा देखिये   सादगी तो हमारी जरा देखिये,  एतबार आपके वादे पे कर लिया | मस्ती में इक हसीं को ख़ुदा कह गए हैं हम,  जो कुछ भी कह गए वज़ा कह गए हैं हम  || बारस्तगी तो देखो हमारे खुलूश कि,  किस सादगी से तुमको ख़ुदा कह गए हैं हम || किस शौक किस तमन्ना किस दर्ज़ा सादगी से,  हम करते हैं आपकी शिकायत आपही से || तेरे अताब के रूदाद हो गए हैं हम,  बड़े खलूस से बर्बाद हो गए हैं हम ||

Aadmi Chutiya Hai Song Lyrics - फूलों की लाशों में ताजगी चाहता है, आदमी चूतिया है | Rahgir Song Lyrics

Aadmi Chutiya Hai Song Lyrics फूलों की लाशों में ताजगी चाहता है, आदमी चूतिया है फूलों की लाशों में ताजगी चाहता है फूलों की लाशों में ताजगी ताजगी चाहता है आदमी चूतिया है, कुछ भी चाहता है फूलों की लाशों में ज़िंदा है तो आसमान में उड़ने की ज़िद है ज़िंदा है तो आसमान में उड़ने की ज़िद है मर जाए तो मर जाए तो सड़ने को ज़मीं चाहता है आदमी चूतिया है काट के सारे झाड़-वाड़, मकाँ मकाँ बना लिया खेत में सीमेंट बिछा कर ज़मीं सजा दी, मार के कीड़े रेत में काट के सारे झाड़-वाड़, मकाँ बना लिया खेत में सीमेंट बिछा कर ज़मीं सजा दी, मार के कीड़े रेत में लगा के परदे चारों ओर क़ैद है चार दीवारी में मिट्टी को छूने नहीं देता, मस्त है किसी खुमारी में मस्त है किसी खुमारी में और वो ही बंदा अपने घर के आगे आगे नदी चाहता है आदमी चूतिया है टाँग के बस्ता, उठा के तंबू जाए दूर पहाड़ों में वहाँ भी डीजे, दारू, मस्ती, चाहे शहर उजाड़ों में टाँग के बस्ता, उठा के तंबू जाए दूर पहाड़ों में वहाँ भी डीजे, दारू, मस्ती, चाहे शहर उजाड़ों में फ़िर शहर बुलाए उसको तो जाता है छोड़ तबाही पीछे कुदरत को कर दाग़दार सा, छोड़ के अपनी स्याही पीछे छोड़ के अपनी स्याही ...