सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

New !!

Auratein - औरतें By रमाशंकर यादव विद्रोही | Women Empowerment Poems - Kuch Auraton Me Apni Ichha Se...

HUMA की कविताएँ और गीत – Meher Baba द्वारा रचित ग़ज़लों का संकलन (PDF डाउनलोड करें)

 

📚 HUMA की कविताएँ और गीत – Meher Baba द्वारा रचित ग़ज़लों का संकलन (PDF डाउनलोड करें)

"HUMA" Meher Baba का एक साहित्यिक रूप था, जिसमें उन्होंने भावनात्मक और आध्यात्मिक गहराई से भरपूर कविताएँ और ग़ज़लें लिखीं। ये रचनाएँ न केवल प्रेम और भक्ति को उजागर करती हैं, बल्कि आत्मा की खोज और ईश्वर के साथ संबंध को भी छूती हैं। इस ब्लॉग में हम Meher Baba द्वारा रचित HUMA कविताओं का परिचय, इनकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और PDF फॉर्मेट में डाउनलोड की सुविधा देंगे।


🧘‍♂️ Meher Baba कौन थे?

Meher Baba (1894–1969) एक महान भारतीय आध्यात्मिक गुरु थे, जिन्होंने "मैं ईश्वर हूँ" की घोषणा के साथ एक गहरे आध्यात्मिक आंदोलन की नींव रखी। उन्होंने 1925 से अपने जीवन के अंत तक मौन व्रत (Silence) रखा और पूरी दुनिया में अपने संदेश प्रेम, सत्य और सेवा के माध्यम से फैलाया।

HUMA की कविताएँ और गीत – Meher Baba द्वारा रचित ग़ज़लों का संकलन (PDF डाउनलोड करें)

✍️ HUMA क्या है?

HUMA, Meher Baba का एक उपनाम (pen name) था जिसे वे अपनी कविताओं और गीतों में उपयोग करते थे। "HUMA" शब्द फारसी भाषा से लिया गया है, जिसका अर्थ है एक पौराणिक पक्षी जो भाग्यशाली समझा जाता है।

HUMA के नाम से लिखी गई रचनाएँ:

  • गहरी भावनात्मक गहराई लिए होती हैं

  • आत्मा और परमात्मा के बीच संवाद को दर्शाती हैं

  • ईश्वर के प्रति प्रेम और समर्पण का प्रतीक हैं


🕰️ रचनाओं का इतिहास

इन कविताओं और ग़ज़लों को Khorshed K Irani ने वर्षों की मेहनत से इकट्ठा किया था। बाद में Bhau Kalchuri ने इन्हें Meher Baba को गुरुप्रसाद में पढ़कर सुनाया। बाबा ने स्वयं इनमें सुधार किए और इन्हें अपने आध्यात्मिक संदेश का एक हिस्सा बनाया।


📥 HUMA की कविताएँ और गीत (PDF डाउनलोड करें)

यदि आप Meher Baba द्वारा लिखित HUMA की हिंदी ग़ज़लों और गीतों को पढ़ना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए लिंक से PDF फाइल डाउनलोड करें:

👉 HUMA Poems & Songs by Meher Baba – PDF डाउनलोड करें

यह संग्रह वर्षों की साधना और समर्पण का परिणाम है और बाबा की आत्मा से निकले शब्दों का अमूल्य खजाना है।


🌟 HUMA की कविताओं की विशेषताएँ

  • भक्ति रस से ओत-प्रोत

  • सरल लेकिन गहन भाषा

  • Persian, Urdu और Hindi की मिश्रित शैली

  • दिल को छू लेने वाले भाव

  • Meher Baba Poems in Hindi

  • HUMA Ghazals PDF

  • Meher Baba Songs Download

  • HUMA Meher Baba Hindi Poetry

  • मेहर बाबा की ग़ज़लें

HUMA की कविताएँ और गीत – Meher Baba द्वारा रचित ग़ज़लों का संकलन (PDF डाउनलोड करें)
  • Spiritual Hindi Poetry PDF

  • Bhakti Songs Meher Baba

  • HUMA Poems Free Download


🙋‍♂️ FAQs

Q1: HUMA कौन थे?

उत्तर: HUMA, Meher Baba का एक साहित्यिक नाम था जिसका उपयोग उन्होंने अपनी कविताओं और गीतों में किया।

Q2: क्या ये सभी कविताएँ Meher Baba ने खुद लिखी थीं?

उत्तर: हाँ, ये रचनाएँ Baba की अपनी हैं और उन्होंने इन्हें स्वयं सुनकर और सुधारकर प्रमाणित किया था।

Q3: मैं इन कविताओं को कहाँ पढ़ सकता हूँ?

उत्तर: आप ऊपर दिए गए PDF लिंक से HUMA की पूरी कविताएँ डाउनलोड करके पढ़ सकते हैं।


🕊️ निष्कर्ष

HUMA की कविताएँ केवल शब्द नहीं हैं — वे एक आध्यात्मिक यात्रा हैं। Meher Baba के प्रेम, मौन और दिव्यता को समझने का यह एक अनोखा जरिया है। यदि आप आत्मा की खोज में हैं या आध्यात्मिक साहित्य के प्रेमी हैं, तो यह संग्रह आपके लिए अनमोल साबित होगा।

📖 अब देर किस बात की? नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करिए और बाबा के शब्दों में खो जाइए।

👉 PDF डाउनलोड करें – HUMA Poems & Songs by Meher Baba


sahityahsala.in पर हम ऐसे ही आध्यात्मिक, साहित्यिक और प्रेरणादायक विषयों को लेकर आते रहते हैं। ब्लॉग को शेयर करें और Meher Baba के प्रेम को और लोगों तक पहुँचाएँ।

Famous Poems

महाभारत पर रोंगटे खड़े कर देने वाली हिंदी कविता - Mahabharata Poem On Arjuna

|| महाभारत पर रोंगटे खड़े कर देने वाली कविता || || Mahabharata Poem On Arjuna ||   तलवार, धनुष और पैदल सैनिक कुरुक्षेत्र में खड़े हुए, रक्त पिपासु महारथी इक दूजे सम्मुख अड़े हुए | कई लाख सेना के सम्मुख पांडव पाँच बिचारे थे, एक तरफ थे योद्धा सब, एक तरफ समय के मारे थे | महा-समर की प्रतिक्षा में सारे ताक रहे थे जी, और पार्थ के रथ को केशव स्वयं हाँक रहे थे जी ||    रणभूमि के सभी नजारे देखन में कुछ खास लगे, माधव ने अर्जुन को देखा, अर्जुन उन्हें  उदास लगे | कुरुक्षेत्र का महासमर एक पल में तभी सजा डाला, पांचजन्य  उठा कृष्ण ने मुख से लगा बजा डाला | हुआ शंखनाद जैसे ही सब का गर्जन शुरु हुआ, रक्त बिखरना हुआ शुरु और सबका मर्दन शुरु हुआ | कहा कृष्ण ने उठ पार्थ और एक आँख को मीच जड़ा, गाण्डिव पर रख बाणों को प्रत्यंचा को खींच जड़ा | आज दिखा दे रणभूमि में योद्धा की तासीर यहाँ, इस धरती पर कोई नहीं, अर्जुन के जैसा वीर यहाँ ||    सुनी बात माधव की तो अर्जुन का चेहरा उतर गया, ...

Kahani Karn Ki Poem Lyrics By Abhi Munde (Psycho Shayar) | कहानी कर्ण की - Karna Par Hindi Kavita

Kahani Karn Ki Poem Lyrics By Psycho Shayar   कहानी कर्ण की - Karna Par Hindi Kavita पांडवों  को तुम रखो, मैं  कौरवों की भी ड़ से , तिलक-शिकस्त के बीच में जो टूटे ना वो रीड़ मैं | सूरज का अंश हो के फिर भी हूँ अछूत मैं , आर्यवर्त को जीत ले ऐसा हूँ सूत पूत मैं |   कुंती पुत्र हूँ, मगर न हूँ उसी को प्रिय मैं, इंद्र मांगे भीख जिससे ऐसा हूँ क्षत्रिय मैं ||   कुंती पुत्र हूँ, मगर न हूँ उसी को प्रिय मैं, इंद्र मांगे भीख जिससे ऐसा हूँ क्षत्रिय मैं ||   आओ मैं बताऊँ महाभारत के सारे पात्र ये, भोले की सारी लीला थी किशन के हाथ सूत्र थे | बलशाली बताया जिसे सारे राजपुत्र थे, काबिल दिखाया बस लोगों को ऊँची गोत्र के ||   सोने को पिघलाकर डाला शोन तेरे कंठ में , नीची जाती हो के किया वेद का पठंतु ने | यही था गुनाह तेरा, तू सारथी का अंश था, तो क्यों छिपे मेरे पीछे, मैं भी उसी का वंश था ?   यही था गुनाह तेरा, तू सारथी का अंश था, तो क्यों छिपे मेरे पीछे, मैं भी उसी का वंश था ? ऊँच-नीच की ये जड़ वो अहंकारी द्रोण था, वीरों की उसकी सूची में, अर्...

Aadmi Chutiya Hai Song Lyrics - फूलों की लाशों में ताजगी चाहता है, आदमी चूतिया है | Rahgir Song Lyrics

Aadmi Chutiya Hai Song Lyrics फूलों की लाशों में ताजगी चाहता है, आदमी चूतिया है फूलों की लाशों में ताजगी चाहता है फूलों की लाशों में ताजगी ताजगी चाहता है आदमी चूतिया है, कुछ भी चाहता है फूलों की लाशों में ज़िंदा है तो आसमान में उड़ने की ज़िद है ज़िंदा है तो आसमान में उड़ने की ज़िद है मर जाए तो मर जाए तो सड़ने को ज़मीं चाहता है आदमी चूतिया है काट के सारे झाड़-वाड़, मकाँ मकाँ बना लिया खेत में सीमेंट बिछा कर ज़मीं सजा दी, मार के कीड़े रेत में काट के सारे झाड़-वाड़, मकाँ बना लिया खेत में सीमेंट बिछा कर ज़मीं सजा दी, मार के कीड़े रेत में लगा के परदे चारों ओर क़ैद है चार दीवारी में मिट्टी को छूने नहीं देता, मस्त है किसी खुमारी में मस्त है किसी खुमारी में और वो ही बंदा अपने घर के आगे आगे नदी चाहता है आदमी चूतिया है टाँग के बस्ता, उठा के तंबू जाए दूर पहाड़ों में वहाँ भी डीजे, दारू, मस्ती, चाहे शहर उजाड़ों में टाँग के बस्ता, उठा के तंबू जाए दूर पहाड़ों में वहाँ भी डीजे, दारू, मस्ती, चाहे शहर उजाड़ों में फ़िर शहर बुलाए उसको तो जाता है छोड़ तबाही पीछे कुदरत को कर दाग़दार सा, छोड़ के अपनी स्याही पीछे छोड़ के अपनी स्याही ...

सच है, विपत्ति जब आती है, कायर को ही दहलाती है - Sach Hai Vipatti Jab Aati Hai

  सच है, विपत्ति जब आती है, कायर को ही दहलाती है रामधारी सिंह "दिनकर" हिंदी कविता दिनकर की हिंदी कविता Sach Hai Vipatti Jab Aati Hai सच है, विपत्ति जब आती है, कायर को ही दहलाती है, शूरमा नहीं विचलित होते, क्षण एक नहीं धीरज खोते, विघ्नों को गले लगाते हैं, काँटों में राह बनाते हैं। मुख से न कभी उफ कहते हैं, संकट का चरण न गहते हैं, जो आ पड़ता सब सहते हैं, उद्योग-निरत नित रहते हैं, शूलों का मूल नसाने को, बढ़ खुद विपत्ति पर छाने को। है कौन विघ्न ऐसा जग में, टिक सके वीर नर के मग में ? खम ठोंक ठेलता है जब नर , पर्वत के जाते पाँव उखड़। मानव जब जोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है । Sach Hai Vipatti Jab Aati Hai गुण बड़े एक से एक प्रखर, हैं छिपे मानवों के भीतर, मेंहदी में जैसे लाली हो, वर्तिका-बीच उजियाली हो। बत्ती जो नहीं जलाता है, रोशनी नहीं वह पाता है। पीसा जाता जब इक्षु-दण्ड , झरती रस की धारा अखण्ड , मेंहदी जब सहती है प्रहार, बनती ललनाओं का सिंगार। जब फूल पिरोये जाते हैं, हम उनको गले लगाते हैं। वसुधा का नेता कौन हुआ? भूखण्ड-विजेता कौन हुआ ? अतुलित यश क्रेता कौन हुआ? नव-धर्म प्...

सादगी तो हमारी जरा देखिये | Saadgi To Hamari Zara Dekhiye Lyrics | Nusrat Fateh Ali Khan Sahab

Saadgi To Hamari Zara Dekhiye Lyrics सादगी तो हमारी जरा देखिये   सादगी तो हमारी जरा देखिये,  एतबार आपके वादे पे कर लिया | मस्ती में इक हसीं को ख़ुदा कह गए हैं हम,  जो कुछ भी कह गए वज़ा कह गए हैं हम  || बारस्तगी तो देखो हमारे खुलूश कि,  किस सादगी से तुमको ख़ुदा कह गए हैं हम || किस शौक किस तमन्ना किस दर्ज़ा सादगी से,  हम करते हैं आपकी शिकायत आपही से || तेरे अताब के रूदाद हो गए हैं हम,  बड़े खलूस से बर्बाद हो गए हैं हम ||