हमें क्या रोकेगी?
ज़ंजीर हमे क्या रोकेगी?
हम तो लोहे के फौलाद है|
जंजीर पिघलाकर तलवार बना दे,
भारत मां की औलाद हैं||
अधर्म हमे क्या रोकेगी?
हम श्री कृष्ण की संतान है|
सुदर्शन से मृत्यु को मार दे,
हमे खुद पर अभिमान है||
षडयंत्र हमे क्या रोकेगी ?
हम महेश का त्रिशूल हैं|
नदी तक का मुख मोड़ दे,
जब को प्रतिकूल है||
हिंसा हमे क्या रोकेगी?
हम गांधी का स्वप्न हैं|
चंद्रगुप्त की शक्ति है,
चाणक्य का वो प्रण हैं||
Life Poems In Hindi
Hindi Poems On Life

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Hindi Poems On Life
ज़िन्दगी पर हिंदी कवितायेँ
हार
हार तो सबकी दुश्मन है,
इंसानों को तोड़ देती है।
बड़े से बड़े महारथियों को,
यू ही निचोड़ देती है||
हार तो पहलू है ज़िदगी की,
मौत से भी बत्तर है।
पर कोई बात नहीं,
हम सबमें अंतर है||
कोई हार को जीत के,
बन जाता है, महान है।
हिमालय से भी ऊचाँ,
बन जाता उसका सम्मान है।।
कोई हार से हार जाए,
तब घुटने टेकता है।
कुछ हासिल करे या न करे,
पर बहुत दूर की फे़कता है।।
हार से हार कोई बड़ी बात नहीं,
सब हार जाते हैं।
लेकिन हार को हारकर,
वे अमर बन जाते हैं।।
वे अमर बन जाते हैं।।
-हर्ष नाथ झा
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