रक्त है यह वीरों का
देशभक्ति हिंदी कविता
Deshbhakti Poems In Hindi
रक्त है यह वीरों का,
शहीदों की निशानी है|
वीरगति को प्राप्त हुए,
उन वीरों की कहानी है||
शहीदों की निशानी है|
वीरगति को प्राप्त हुए,
उन वीरों की कहानी है||
कहानी है उन अभिमन्यु की,
जिन्होंने वीरता का प्रमाण दिया |
माँ की लाज बचाने को,
हँसते-हँसते प्राण दिया |
मारते हुए, लाखों अरियो ने,
वह बन काल गया होगा|
जब गोली पार गई होगी,
तब सीना ढाल रहा होगा||
किसी की शादी अभी हुई थी,
माँ को बेगाना वे छोड़ गए |
दर्द से करहाते हुए पिता से,
रिश्ता तब वे तोड़ गए ||
चिंता नहीं थी दुल्हन की,
कुमकुम के बजाये राख होगी |
लड़ते, मरते, मारते रहेंगे,
जब तक न दुश्मनी खाक होगी ||
पिता ने बस एक कार्य कहा,
मुख्याग्नि देने का, पर,
उसकी आत्मा रोयेगी,
जब वो बेटे को दफ़नायेगा ||
मैं माँ को छोड़ के आया हूँ,
भारत माँ की लाज बचाने को |
माँ से छीने हुए मुकुट को,
फिर मस्तक पर सजाने को ||
अपने रक्त से अपनी माँ की,
कीर्ति मैं बढ़ाऊंगा |
सहस्त्रों सामने आये तब,
मैं उन्हें मार भगाऊंगा ||
मेरी माँ को तीर लगे,
तब सीना मेरा ढाल रहेगा |
रग-रग में हिम्मत की मशाल लिए,
तैयार माँ का यह लाल रहेगा ||
यह रक्त मैं अर्पित करता हूँ,
यह मेरी माँ को सींचेगी |
यह मेरी दुल्हन की कुमकुम होगी,
यह मेरे पिता का सम्मान होगा |
यह मेरी वीरता का प्रमाण होगा,
माँ के लिए इस बेटे का बलिदान होगा ||
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