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दिल की गली में चाँद निकलता रहता है - Dil Ki Gali Mein Chand | Azhar Iqbal Ghazal

दिल की गली में चाँद निकलता रहता है - Dil Ki Gali Mein Chand

Azhar Iqbal Ghazal

दिल की गली में चाँद निकलता रहता है

एक दिया उम्मीद का जलता रहता है

दिल की गली में चाँद निकलता रहता है - Dil Ki Gali Mein Chand | Azhar Iqbal Ghazal

जैसे जैसे यादों कि लौ बढ़ती है

वैसे वैसे जिस्म पिघलता रहता है


सरगोशी को कान तरसते रहते हैं

सन्नाटा आवाज़ में ढलता रहता है


मंज़र मंज़र जी लो जितना जी पाओ

मौसम पल पल रंग बदलता रहता है


राख हुई जाती है सारी हरियाली

आँखों में जंगल सा जलता रहता है


तुम जो गए तो भूल गए सारी बातें

वैसे दिल में क्या क्या चलता रहता है |

-

अज़हर इक़बाल

दिल की गली में चाँद निकलता रहता है - Dil Ki Gali Mein Chand | Azhar Iqbal Ghazal



dil kī galī meñ chāñd nikaltā rahtā hai
ek diyā ummīd kā jaltā rahtā hai

jaise jaise yādoñ ki lau baḌhtī hai
vaise vaise jism pighaltā rahtā hai

sargoshī ko kaan taraste rahte haiñ
sannāTā āvāz meñ Dhaltā rahtā hai

manzar manzar jī lo jitnā jī paao
mausam pal pal rañg badaltā rahtā hai
दिल की गली में चाँद निकलता रहता है - Dil Ki Gali Mein Chand Azhar Iqbal Ghazal
raakh huī jaatī hai saarī hariyālī
āñkhoñ meñ jañgal sā jaltā rahtā hai

tum jo ga.e to bhuul ga.e saarī bāteñ
vaise dil meñ kyā kyā chaltā rahtā hai


दिल की गली में चाँद निकलता रहता है - Dil Ki Gali Mein Chand

Azhar Iqbal Ghazal


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Aadmi Chutiya Hai Song Lyrics - फूलों की लाशों में ताजगी चाहता है, आदमी चूतिया है | Rahgir Song Lyrics

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