Mother's Day Poem In Hindi | Poem On Mothers Day | Mother's Day Par Hindi Kavita
Mother's Day Poem In Hindi | Poem On Mothers Day | Mother's Day Par Hindi Kavita
यह जीवन हो तुझको अर्पण माँ, तूने पालकर बड़ा किया |
उस देव तुल्य शैशवावस्था में, गोदी में तेरी दूध पिया ||
धन्य समझता आज भाग्य को , देव भूमि में जन्म लिया |
वही भूमि है जिसने जग में , देव पुरुष को जन्म दिया ||
माँ है हमारी पाल रही तू , जीवन दान भी दे रही
आज समर्पण सब है तुझको, जो लगता है तुझे सही ||
प्यार सदा ही करती रहती , कभी दुःख प्रकट न किया |
शैशव किशोर तरुणाई में भी ,तूने हमसे कुछ न लिया ||
गोद पकड़कर खेल खिलाकर ,योग्य हमें तूने ही किया भरी अँजुली जल की तेरी , बूंद बूंद हमने ही पिया ||
बचपन भी मस्ती से गुजरा , गोदी में हमने तेरी खेले |
हमकों तो प्रसन्न रखा पर , तूने कष्ट बहुत झेले ||
पाल पोषकर बड़ा किया है , हम सब सेवक है तेरे |
सेवा करने एक नही , त्रय बालक तुझकों घेरे || सुमन रमण ललन ये पुष्प है ,जो अर्पण करने खड़े है |
भूखे पेट न जलपान किया , जीवन दान दिया तूने ||
उठा जगाकर खड़ा किया , बड़ा किया माता तूने |
होकर लीन मैं तुझमें माता ,जीवन अर्पण करता हूं ||
सर्वस्व न्यौछावर करने की ,निज में प्रेरणा भरता हूँ |
यह जीवन हो तुझको अर्पण माँ ||
-Dr. S. N. JHA
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