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Bhai Rahgir Ye Hum Konsi Gaadi Pe Chadh Gaye | भाई राहगीर, ये हम कौनसी गाड़ी पे चढ़ गए? - Rahgir Song Lyrics

Evolution Of A Writer To A Poet - Poem On Writers | Poems In English On Writers

EVOLUTION OF A WRITER

  Poems In English

 


Maybe, poetry isn't about writing at all

To observe things is the greater perhaps. 

How cocoons change to butterflies 

And that soft textured are those wings of beauty.

 

Evolution Of A Writer To A Poet | Poems In English | By Bushra Masood | English me kavita | English poems on evolution

And to watch, that charm flies randomly

From one pretty flower to the other 

Searching for nectar deep beneath petals that glow 

Oh, and once it does it flees to another 

For more desires are waiting within, to be put to ease.


Maybe poetry isn't about the words we write,

It ain't about the emotions we're slaves of

Incomplete things, maybe are what speaks of it. 

And metaphors are what make it 

And we see it from the angle we stand at.


Maybe it ain't about the fancy things we read 

It is what the heart's gotta fancy for.

Maybe, poetry my friend is about uncertainties 

 

 

Cause the next line, remains unknown 

And yet poetry says, next lines never come 

Present, each one becomes, 

as these stacks wander upon them

Leaving the previous ones, some with full stops, 

the others with commas behind

Passing by, are others with neither of these

But sure, those lines aren't alone

For certainly, we know, unfinished stories untold

 

Evolution Of A Writer To A Poet | Poems In English | By Bushra Masood | ENglish me kavita | English poems on evolution


Oh yes, I gather this once again

Poetry, is all the uncertain things, my friend 

Of how we see old men and women smile 

With each mirth, a New wrinkle comes 

And how for the young petals,

the old one weathers

 

 


Maybe, poetry isn't all the rhymes we hear 

The smiles of yore souls it is.

It isn't about the greater things we know

It is the little things we would never perceive 

Poetry ain't to be all at once 

To know, no matter our efforts 

Some things will always be left out, it is. 


Evolution Of A Writer To A Poet | Poems In English | By Bushra Masood | English me kavita | English poems on evolution


Maybe, it is the innocent things that occur, 

even when fallacies take over.

To know all love is sweet, my friend 

Whether given or received, it is.

It's about the simpler things maybe,

Yet, 'maybe' is what each of these remains

Uncertain, as it would be.

 

 

- बुशरा मसूद 

 


|| Poems In English ||

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Aadmi Chutiya Hai Song Lyrics - फूलों की लाशों में ताजगी चाहता है, आदमी चूतिया है | Rahgir Song Lyrics

Aadmi Chutiya Hai Song Lyrics फूलों की लाशों में ताजगी चाहता है, आदमी चूतिया है फूलों की लाशों में ताजगी चाहता है फूलों की लाशों में ताजगी ताजगी चाहता है आदमी चूतिया है, कुछ भी चाहता है फूलों की लाशों में ज़िंदा है तो आसमान में उड़ने की ज़िद है ज़िंदा है तो आसमान में उड़ने की ज़िद है मर जाए तो मर जाए तो सड़ने को ज़मीं चाहता है आदमी चूतिया है काट के सारे झाड़-वाड़, मकाँ मकाँ बना लिया खेत में सीमेंट बिछा कर ज़मीं सजा दी, मार के कीड़े रेत में काट के सारे झाड़-वाड़, मकाँ बना लिया खेत में सीमेंट बिछा कर ज़मीं सजा दी, मार के कीड़े रेत में लगा के परदे चारों ओर क़ैद है चार दीवारी में मिट्टी को छूने नहीं देता, मस्त है किसी खुमारी में मस्त है किसी खुमारी में और वो ही बंदा अपने घर के आगे आगे नदी चाहता है आदमी चूतिया है टाँग के बस्ता, उठा के तंबू जाए दूर पहाड़ों में वहाँ भी डीजे, दारू, मस्ती, चाहे शहर उजाड़ों में टाँग के बस्ता, उठा के तंबू जाए दूर पहाड़ों में वहाँ भी डीजे, दारू, मस्ती, चाहे शहर उजाड़ों में फ़िर शहर बुलाए उसको तो जाता है छोड़ तबाही पीछे कुदरत को कर दाग़दार सा, छोड़ के अपनी स्याही पीछे छोड़ के अपनी स्याही ...

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