बिहार का परिचय | Bihar Ka Parichay
मैं उस भूमि से आता हूँ
जिसने रक्त से भारत सींचा है
मैं उस भूमि से आता हूँ
जिसने विद्या को तम से खींचा है |
मैं उस भूमि से आता हूँ
जिसकी लेखनी युद्ध न हारी थीं
मैं उस भूमि से आता हूँ
नागार्जुन की धधक चिंगारी थी |
मैं उस भूमि से आता हूँ
जहाँ हर शत्रु को झुकना पड़ा
मैं उस भूमि से आता हूँ
जहाँ शंकर को रुकना पड़ा |
मैं उस भूमि से आता हूँ
जहाँ शिखा ने शौर्य को हराया था
मैं उस भूमि से आता हूँ
जहाँ यूनानियों को मौर्य ने हराया था |
मीठे गीत सुनकर जिनके
भद्रकाल भी दास बने
पाश्चात्य संस्कृति समक्ष जिनके
एक तुच्छ उपहास बने |
जहाँ आकर गाँधी जी
भारत के महात्मा बने
जहाँ दिव्य ज्ञान प्राप्त कर
बुद्ध एक परमात्मा बने |
महावीर और अशोक ने
जहाँ शांति का उपदेश दिया
अंदर ख़ुद जलते रहकर
बस प्रेम का सन्देश दिया |
नागार्जुन, मंडन मिश्र
विद्यापति का अंश हूँ
मैं हर्ष नाथ, वेद व्यास
और पराशर मुनि का वंश हूँ |
मैं उस भूमि से आता हूँ
जिसने रक्त से भारत को सींचा है
मैं उस भूमि से आता हूँ
जिसने विद्या को तम से खींचा है |