सांसों का हिसाब - Saanson Ka Hisaab Kavita शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ तुम जो जीवित कहलाने के हो आदी तुम जिसको दफ़ना नहीं सकी बरबादी तुम जिनकी धड़कन में गति का वन्दन है तुम जिसकी कसकन में चिर संवेदन है तुम जो पथ प र अरमान भरे आते हो तुम जो हस्ती की मस्ती में गाते हो तुम जिनने अपना रथ सरपट दौड़ाया कुछ क्षण हाँफे, कुछ साँस रोककर गाया तुमने जितनी रासें तानी, मोड़ी हैं तुमने जितनी सांसें खींची, छोड़ी हैं उनका हिसाब दो और करो रखवाली कल आने वाला है साँसों का माली कितनी साँसों की अलकें धूल सनी हैं कितनी साँसों की पलकें फूल बनी हैं? कितनी साँसों को सुनकर मूक हुए हो? कितनी साँसों को गिनना चूक गये हो? कितनी सांसें दुविधा के तम में रोयीं? कितनी सांसें जमुहाई लेकर खोयीं? जो सांसें सपनों में आबाद हुई हैं जो सांसें सोने में बर्बाद हुई हैं जो सांसें साँसों से मिल बहुत लजाईं जो सांसें अपनी होकर बनी पराई जो सांसें साँसों को छूकर गरमाई जो सांसें सहसा बिछुड़ गईं ठंडाई जिन साँसों को छल लिया किसी छलिया ने उन सबको आज सहेजो इस डलिया में तुम इनको निर्रखो परखो या अवरेखो फिर साँस रोककर उलट पलट कर देखो क्या तुम इ...
Saadgi To Hamari Zara Dekhiye Lyrics सादगी तो हमारी जरा देखिये सादगी तो हमारी जरा देखिये, एतबार आपके वादे पे कर लिया | मस्ती में इक हसीं को ख़ुदा कह गए हैं हम, जो कुछ भी कह गए वज़ा कह गए हैं हम || बारस्तगी तो देखो हमारे खुलूश कि, किस सादगी से तुमको ख़ुदा कह गए हैं हम || किस शौक किस तमन्ना किस दर्ज़ा सादगी से, हम करते हैं आपकी शिकायत आपही से || तेरे अताब के रूदाद हो गए हैं हम, बड़े खलूस से बर्बाद हो गए हैं हम ||