Poem On My Introduction
मेरा परिचय
मैं हूँ नही सच्चा हिन्दू,
न मैं सच्चा मुसलमान हूँ।
धर्म से कोई नाता नहीं,
बस भारत की संतान हूँ।।
न मैं इश्क़ पर लिखता हूँ,
न मैं इतिहास पर हर्षाता हूँ।
मैं,वर्तमान में रहता हूँ,
मैं केवल वर्तमान का सत्य दर्शाता हूँ।।
हो सकता है,आपको मेरी बातें चुबें,
मैं,क्षमा नही कभी मागूँगा,😆😆
इस परिस्तिथी के तुम दोषी हो,
पर,गलत तुम्हें न ठहराऊंगा।।😡😏
💖दिल थाम के बैठे रहिये,
अब में कविता सुनायउँगा।
आपके अंदर के देशभक्त को,
अपनी पुकार के जगाऊंगा।।
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