Hindi Poem On Technology
यूं सब को में दे सकता हूं |
पूरे विश्व को बदल दिया है
हर घर में मैं रहता हूं ||
कृषि, खरीद, कला, विज्ञान,
सब की क्रांति लाता हूं |
इस दौर का जनक ही कहलों,
मैं टेक्नोलॉजी कहलाता हूं ||
पूरे विश्व की पुस्तकें,
जेबों में अब सजाई है |
स्पर्श मात्र से तुम सबको,
कहानियां भी सुनाई है ||
इस महामारी में मैंने,
शिक्षकों को घर-घर तक पहुंचाया है |
हर विद्यार्थी, हर वर्ग को,
विद्याध्यायन करवाया है ||
दुकानें समाई है जेबों में,
टेबल पर है बैंक तुम्हारा |
घर बैठे खेलो-खेलो को,
पास आ गया विश्व ये सारा ||
Technology Hindi Poem For Kids
टेक्नोलॉजी पर हिंदी कविता
ड्रोन से कर सकते हैं बारिश,
क्षणों में खेतों को हम जोतेंगे |
लहलहाते देख फसलों को,
अन्नदाता कब तक रोएंगे ||
भूमंडल से नभमंडल तक,
जाना है अब बहुत आसान |
मंगल तक भी पहुंच गए हम,
बना दिया जो मंगलयान ||
बच्चों और वृद्धों तक का भी,
बातचीत, अब पलभर का काम |
इन्टरनेट का दौर यह देखो,
फेसबुक पर सब का नाम ||
जैसे बजती फोन की घंटी,
मम्मियां कमर कस लेती हैं |
मामा, मामी, चाचा, चाची से,
घंटों भी बात कर लेती हैं ||
‘अनुपमा’ और ‘पवित्र रिश्ता’
को BINGE WATCH भी कर लेती हैं |
खाने की अब फिक्र तुम छोड़ो,
मिनटों में ऑर्डर कर लेती हैं ||
हर परिवार, हर घर को,
साथ में लेके आया हूं |
इस दौर का जनक की केह लो,
बस मैं ही अब छाया हूं ||
जोड़ा मैने पूरे विश्व को,
और नजदीक ले आया है |
सबकी जैबों में मैने,
पूरे विश्व को समाया है ||
यूं सब को में दे सकता हूं |
पूरे विश्व को बदल दिया है
हर घर में मैं रहता हूं ||
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हर्ष नाथ झा