सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

New !!

नौजवाँ लोग पजामे को बुरा कहते हैं – तंज़िया उर्दू शायरी, समाज और सियासत पर व्यंग्य

Hindi Poem On Technology - मैं टेक्नोलॉजी कहलाता हूं

Hindi Poem On Technology

|| मैं टेक्नोलॉजी कहलाता हूं ||

हर प्रश्न का क्षण में उत्तर,

यूं सब को में दे सकता हूं |

पूरे विश्व को बदल दिया है

हर घर में मैं रहता हूं ||

 


कृषि, खरीद, कला, विज्ञान,

सब की क्रांति लाता हूं |

इस दौर का जनक ही कहलों,

मैं टेक्नोलॉजी कहलाता हूं ||

Hindi Poem On Technology


पूरे विश्व की पुस्तकें,

जेबों में अब सजाई है |

स्पर्श मात्र से तुम सबको,

कहानियां भी सुनाई है ||

 


इस महामारी में मैंने,

शिक्षकों को घर-घर तक पहुंचाया है |

हर विद्यार्थी, हर वर्ग को,

विद्याध्यायन करवाया है ||

 


दुकानें समाई है जेबों में,

टेबल पर है बैंक तुम्हारा |

घर बैठे खेलो-खेलो को,

पास आ गया विश्व ये सारा ||

Technology Hindi Poem For Kids 

टेक्नोलॉजी पर हिंदी कविता


ड्रोन से कर सकते हैं बारिश,

क्षणों में खेतों को हम जोतेंगे |

लहलहाते देख फसलों को,

अन्नदाता कब तक रोएंगे ||

Technology Hindi Poem For Kids


भूमंडल से नभमंडल तक,

जाना है अब बहुत आसान

मंगल तक भी पहुंच गए हम, 

बना दिया जो मंगलयान ||

 


बच्चों और वृद्धों तक का भी,

बातचीत, अब पलभर का काम |

इन्टरनेट का दौर यह देखो,

फेसबुक पर सब का नाम ||

 


जैसे बजती फोन की घंटी,

मम्मियां कमर कस लेती हैं |

मामा, मामी, चाचा, चाची से,

घंटों भी बात कर लेती हैं ||

 


अनुपमा’ और ‘पवित्र रिश्ता’

को BINGE WATCH भी कर लेती हैं |

खाने की अब फिक्र तुम छोड़ो,

मिनटों में ऑर्डर कर लेती हैं ||

 


हर परिवार, हर घर को,

साथ में लेके आया हूं |

इस दौर का जनक की केह लो,

बस मैं ही अब छाया हूं ||


टेक्नोलॉजी पर हिंदी कविता


जोड़ा मैने पूरे विश्व को,

और नजदीक ले आया है |

सबकी जैबों में मैने,

पूरे विश्व को समाया है ||

 

हर प्रश्न का क्षण में उत्तर,

यूं सब को में दे सकता हूं |

पूरे विश्व को बदल दिया है

हर घर में मैं रहता हूं ||

 -

हर्ष नाथ झा

Technology Hindi Poem For Kids 

टेक्नोलॉजी पर हिंदी कविता

 

CLICK HERE FOR MORE POEMS

Famous Poems

महाभारत पर रोंगटे खड़े कर देने वाली हिंदी कविता - Mahabharata Poem On Arjuna

|| महाभारत पर रोंगटे खड़े कर देने वाली कविता || || Mahabharata Poem On Arjuna ||   तलवार, धनुष और पैदल सैनिक कुरुक्षेत्र में खड़े हुए, रक्त पिपासु महारथी इक दूजे सम्मुख अड़े हुए | कई लाख सेना के सम्मुख पांडव पाँच बिचारे थे, एक तरफ थे योद्धा सब, एक तरफ समय के मारे थे | महा-समर की प्रतिक्षा में सारे ताक रहे थे जी, और पार्थ के रथ को केशव स्वयं हाँक रहे थे जी ||    रणभूमि के सभी नजारे देखन में कुछ खास लगे, माधव ने अर्जुन को देखा, अर्जुन उन्हें  उदास लगे | कुरुक्षेत्र का महासमर एक पल में तभी सजा डाला, पांचजन्य  उठा कृष्ण ने मुख से लगा बजा डाला | हुआ शंखनाद जैसे ही सब का गर्जन शुरु हुआ, रक्त बिखरना हुआ शुरु और सबका मर्दन शुरु हुआ | कहा कृष्ण ने उठ पार्थ और एक आँख को मीच जड़ा, गाण्डिव पर रख बाणों को प्रत्यंचा को खींच जड़ा | आज दिखा दे रणभूमि में योद्धा की तासीर यहाँ, इस धरती पर कोई नहीं, अर्जुन के जैसा वीर यहाँ ||    सुनी बात माधव की तो अर्जुन का चेहरा उतर गया, ...

Arey Dwarpalo Kanhaiya Se Keh Do Lyrics | अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो लिरिक्स

Arey Dwarpalo Kanhaiya Se Keh Do Lyrics अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो लिरिक्स

सादगी तो हमारी जरा देखिये | Saadgi To Hamari Zara Dekhiye Lyrics | Nusrat Fateh Ali Khan Sahab

Saadgi To Hamari Zara Dekhiye Lyrics सादगी तो हमारी जरा देखिये   सादगी तो हमारी जरा देखिये,  एतबार आपके वादे पे कर लिया | मस्ती में इक हसीं को ख़ुदा कह गए हैं हम,  जो कुछ भी कह गए वज़ा कह गए हैं हम  || बारस्तगी तो देखो हमारे खुलूश कि,  किस सादगी से तुमको ख़ुदा कह गए हैं हम || किस शौक किस तमन्ना किस दर्ज़ा सादगी से,  हम करते हैं आपकी शिकायत आपही से || तेरे अताब के रूदाद हो गए हैं हम,  बड़े खलूस से बर्बाद हो गए हैं हम ||

Dar Pe Sudama Garib Aa Gaya Hai Lyrics | दर पे सुदामा गरीब आ गया है

Dar Pe Sudama Garib Aa Gaya Hai Lyrics दर पे सुदामा गरीब आ गया है  लिरिक्स देखो देखो ये गरीबी, ये गरीबी का हाल । कृष्ण के दर पे, विश्वास लेके आया हूँ ।। मेरे बचपन का यार है, मेरा श्याम । यही सोच कर मैं, आस कर के आया हूँ ।। अरे द्वारपालों, कन्हैया से कह दो । अरे द्वारपालों, कन्हैया से कह दो ।। के दर पे सुदामा, गरीब आ गया है । के दर पे सुदामा, गरीब आ गया है ।। भटकते भटकते, ना जाने कहां से । भटकते भटकते, ना जाने कहां से ।। तुम्हारे महल के, करीब आ गया है । तुम्हारे महल के, करीब आ गया है ।। ना सर पे है पगड़ी, ना तन पे हैं जामा । बता दो कन्हैया को, नाम है सुदामा ।। Dar Pe Sudama Garib Aa Gaya Hai Lyrics दर पे सुदामा गरीब आ गया है  लिरिक्स बता दो कन्हैया को, नाम है सुदामा । बता दो कन्हैया को, नाम है सुदामा ।। ना सर पे है पगड़ी, ना तन पे हैं जामा । बता दो कन्हैया को, नाम है सुदामा ।। हो..ना सर पे है पगड़ी, ना तन पे हैं जामा । बता दो कन्हैया को, नाम है सुदामा ।। बता दो कन्हैया को । नाम है सुदामा ।। इक बार मोहन, से जाकर के कह दो । तुम इक बार मोहन, से जाकर के कह दो ।। के मिलने सखा, बदनसीब आ...

Kahani Karn Ki Poem Lyrics By Abhi Munde (Psycho Shayar) | कहानी कर्ण की - Karna Par Hindi Kavita

Kahani Karn Ki Poem Lyrics By Psycho Shayar   कहानी कर्ण की - Karna Par Hindi Kavita पांडवों  को तुम रखो, मैं  कौरवों की भी ड़ से , तिलक-शिकस्त के बीच में जो टूटे ना वो रीड़ मैं | सूरज का अंश हो के फिर भी हूँ अछूत मैं , आर्यवर्त को जीत ले ऐसा हूँ सूत पूत मैं |   कुंती पुत्र हूँ, मगर न हूँ उसी को प्रिय मैं, इंद्र मांगे भीख जिससे ऐसा हूँ क्षत्रिय मैं ||   कुंती पुत्र हूँ, मगर न हूँ उसी को प्रिय मैं, इंद्र मांगे भीख जिससे ऐसा हूँ क्षत्रिय मैं ||   आओ मैं बताऊँ महाभारत के सारे पात्र ये, भोले की सारी लीला थी किशन के हाथ सूत्र थे | बलशाली बताया जिसे सारे राजपुत्र थे, काबिल दिखाया बस लोगों को ऊँची गोत्र के ||   सोने को पिघलाकर डाला शोन तेरे कंठ में , नीची जाती हो के किया वेद का पठंतु ने | यही था गुनाह तेरा, तू सारथी का अंश था, तो क्यों छिपे मेरे पीछे, मैं भी उसी का वंश था ?   यही था गुनाह तेरा, तू सारथी का अंश था, तो क्यों छिपे मेरे पीछे, मैं भी उसी का वंश था ? ऊँच-नीच की ये जड़ वो अहंकारी द्रोण था, वीरों की उसकी सूची में, अर्...