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दिल-ए-नादाँ तुझे हुआ क्या है - dil-e-naadaan tujhe huaa kyaa hai | Mirza Ghalib Ghazal

 दिल-ए-नादाँ तुझे हुआ क्या है - Dil-E-Nadaan Tujhe Hua Kya Hai Ghazal

Mirza Ghalib Ghazal

dil-e-naadaan tujhe huaa kyaa hai

aakhir is dard kii davaa kyaa hai


ham hain mushtaaq aur vo bezaar

yaa ilaahii ye maajaraa kyaa hai


main bhii muunh me zabaan rakhataa huun

kaash puuchho ki muddaa kyaa hai


jab ki tujh bin nahii.n koii maujuud

phir ye hangaamaa, ai Khudaa kyaa hai


hamako unase vafaa kii hai ummiid

jo nahii.n jaanate vafaa kyaa hai


TRANSLATION-


Innocent heart, what has happened to you?

Alas, what is the cure to this pain?


We are interested, and they are displeased,

Oh Lord, what is this affair?


I too possess a tongue-

just ask me what I want to say.


Though there is none present without you,

then oh God, what is this noise about?


I expected faith from those

who do not even know what faith is.

 दिल-ए-नादाँ तुझे हुआ क्या है 

आख़िर इस दर्द की दवा क्या है 


हम हैं मुश्ताक़ और वो बे-ज़ार 

या इलाही ये माजरा क्या है 


मैं भी मुँह में ज़बान रखता हूँ 

काश पूछो कि मुद्दआ' क्या है 


जब कि तुझ बिन नहीं कोई मौजूद 

फिर ये हंगामा ऐ ख़ुदा क्या है 


ये परी-चेहरा लोग कैसे हैं 

ग़म्ज़ा ओ इश्वा ओ अदा क्या है 


शिकन-ए-ज़ुल्फ़-ए-अंबरीं क्यूँ है 

निगह-ए-चश्म-ए-सुरमा सा क्या है 


सब्ज़ा ओ गुल कहाँ से आए हैं 

अब्र क्या चीज़ है हवा क्या है 


हम को उन से वफ़ा की है उम्मीद 

जो नहीं जानते वफ़ा क्या है 


हाँ भला कर तिरा भला होगा 

और दरवेश की सदा क्या है 


जान तुम पर निसार करता हूँ 

मैं नहीं जानता दुआ क्या है 


मैं ने माना कि कुछ नहीं 'ग़ालिब' 

मुफ़्त हाथ आए तो बुरा क्या है 

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