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आज वीरान अपना घर देखा - Aaj Veeraan Apna Ghar Dekha | दुष्यंत कुमार की ग़ज़ल

आज वीरान अपना घर देखा - Aaj Veeraan Apna Ghar Dekha

दुष्यंत कुमार की ग़ज़ल

आज वीरान अपना घर देखा - Aaj Veeraan Apna Ghar Dekha  दुष्यंत कुमार की ग़ज़ल

आज वीरान अपना घर देखा 

तो कई बार झाँक कर देखा 


पाँव टूटे हुए नज़र आए 

एक ठहरा हुआ सफ़र देखा 


रास्ता काट कर गई बिल्ली 

प्यार से रास्ता अगर देखा 


नालियों में हयात देखी है 

गालियों में बड़ा असर देखा 


उस परिंदे को चोट आई तो 

आप ने एक एक पर देखा 


हम खड़े थे कि ये ज़मीं होगी 

चल पड़ी तो इधर उधर देखा |

-

दुष्यंत कुमार

आज वीरान अपना घर देखा - Aaj Veeraan Apna Ghar Dekha  दुष्यंत कुमार की ग़ज़ल

Aaj Veeran Apna Ghar Dekha
To Kai Baar Jhank Kar Dekha

Paun Toote Hue Nazar Aaye 
Ek Thehra Hua Safar Dekha

Raasta Kaat Har Gayi Billi
Pyar Se Raasta Agar Dekha

Naaliyon Me Hayat Dekhi Hai
Gaaliyon Me Bada Asar Dekha

Uss Parinde Ko Chote Aai To
Aapne Ek-Ek Par Dekha
आज वीरान अपना घर देखा - Aaj Veeraan Apna Ghar Dekha  दुष्यंत कुमार की ग़ज़ल

Ham Khade The Ki Ye Zameen Hogi
Chal Padi To Idhar Udhar Dekha

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