जिस तट पर प्यास बुझाने से अपमान प्यास का होता हो | Uss Tat Par Pyaas Bujhane Se Pyasa Mar Jana Behtar Hai
जिस तट पर प्यास बुझाने से अपमान प्यास का होता हो | Uss Tat Par Pyaas Bujhane Se Pyasa Mar Jana Behtar Hai
जिस तट पर | Jis Tat Par...
जिस तट पर प्यास बुझाने से अपमान प्यार का होता हो‚
उस तट पर प्यास बुझाने से प्यासा मर जाना बेहतर है।
जब आंधी‚ नाव डुबो देने की
अपनी ज़िद पर अड़ जाए‚
हर एक लहर जब नागिन बनकर
डसने को फन फैलाए‚
ऐसे में भीख किनारों की मांगना धार से ठीक नहीं‚
पागल तूफानों को बढ़कर आवाज लगाना बेहतर है।
जिस तट पर प्यास बुझाने से अपमान प्यास का होता हो
Jis Tat Par Pyaas Bujhane Se
कांटे तो अपनी आदत के
अनुसारा नुकीले होते हैं‚
कुछ फूल मगर कांटों से भी
ज्यादा जहरीले होते हैं‚
जिनको माली आंखें मीचे‚ मधु के बदले विष से सींचे‚
ऐसी डाली पर खिलने से पहले मुरझाना बेहतर है।
जिस तट पर प्यास बुझाने से अपमान प्यास का होता हो
Jis Tat Par Pyaas Bujhane Se
जो दिया उजाला दे न सके‚
तम के चरणों का दास रहे‚
अंधियारी रातों में सोये‚
दिन में सूरज के पास रहे‚
जो केवल धुआं उगलता हो‚ सूरज पर कालिख मलता हो‚
ऐसे दीपक का जलने से पहले बुझ जाना बेहतर है।
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