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हुई न ख़त्म तेरी रहगुज़ार क्या करते - Hui Na Khatm Teri Rahguzaar Kya Karte | Azhar Iqbal Ghazal

हुई न ख़त्म तेरी रहगुज़ार क्या करते - Hui Na Khatm Teri Rahguzaar Kya Karte

Azhar Iqbal Ghazal

हुई न ख़त्म तेरी रहगुज़ार क्या करते

तेरे हिसार से ख़ुद को फ़रार क्या करते

हुई न ख़त्म तेरी रहगुज़ार क्या करते - Hui Na Khatm Teri Rahguzaar Kya Karte | Azhar Iqbal Ghazal

सफ़ीना ग़र्क़ ही करना पड़ा हमें आख़िर

तिरे बग़ैर समुंदर को पार क्या करते


बस एक सुकूत ही जिस का जवाब होना था

वही सवाल मियाँ बार बार क्या करते


फिर इस के बाद मनाया न जश्न ख़ुश्बू का

लहू में डूबी थी फ़स्ल-ए-बहार क्या करते


नज़र की ज़द में नए फूल आ गए 'अज़हर'

गई रुतों का भला इंतिज़ार क्या करते

-

अज़हर इक़बाल

दिल की गली में चाँद निकलता रहता है - Dil Ki Gali Mein Chand | Azhar Iqbal Ghazal



huī na ḳhatm terī rahguzār kyā karte
tere hisār se ḳhud ko farār kyā karte

safīna ġharq hī karnā paḌā hameñ āḳhir
tire baġhair samundar ko paar kyā karte

bas ek sukūt hī jis kā javāb honā thā
vahī savāl miyāñ baar baar kyā karte

phir is ke ba.ad manāyā na jashn ḳhushbū kā
lahū meñ Duubī thī fasl-e-bahār kyā karte

nazar kī zad meñ na.e phuul aa ga.e 'az.har'
ga.ī rutoñ kā bhalā intizār kyā karte

हुई न ख़त्म तेरी रहगुज़ार क्या करते - Hui Na Khatm Teri Rahguzaar Kya Karte | Azhar Iqbal Ghazal



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Aadmi Chutiya Hai Song Lyrics - फूलों की लाशों में ताजगी चाहता है, आदमी चूतिया है | Rahgir Song Lyrics

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