सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

New !!

बाग़ी बलिया का सूरज - Baagi Baliya Ka Sooraj | Baliya Balidaan Diwas - Abhishek Mishra

अभी न जाओ प्राण - Abhi Na Jao Praan | Hindi Poem For Class 8 | Class 8 Hindi Poem

अभी न जाओ प्राण - Abhi Na Jao Praan.

Hindi Poem For Class 8 | Class 8 Hindi Poem

अभी न जाओ प्राण - Abhi Na Jao Praan | Hindi Poem For Class 8 | Class 8 Hindi Poem

अभी न जाओ प्राण ! प्राण में प्यास शेष है,
प्यास शेष है,

अभी बरुनियों के कुञ्जों मैं छितरी छाया,
पलक-पात पर थिरक रही रजनी की माया,
श्यामल यमुना सी पुतली के कालीदह में,
अभी रहा फुफकार नाग बौखल बौराया,
अभी प्राण-बंसीबट में बज रही बंसुरिया,
अधरों के तट पर चुम्बन का रास शेष है।

अभी न जाओ प्राण ! प्राण में प्यास शेष है।
प्यास शेष है।

अभी स्पर्श से सेज सिहर उठती है, क्षण-क्षण,
गल-माला के फूल-फूल में पुलकित कम्पन,
खिसक-खिसक जाता उरोज से अभी लाज-पट,
अंग-अंग में अभी अनंग-तरंगित-कर्षण,
केलि-भवन के तरुण दीप की रूप-शिखा पर,
अभी शलभ के जलने का उल्लास शेष है।

Hindi Poem For Class 8 | Class 8 Hindi Poem

अभी न जाओ प्राण! प्राण में प्यास शेष है,
प्यास शेष है।

अगरु-गंध में मत्त कक्ष का कोना-कोना,
सजग द्वार पर निशि-प्रहरी सुकुमार सलोना,
अभी खोलने से कुनमुन करते गृह के पट
देखो साबित अभी विरह का चन्द्र -खिलौना,
रजत चांदनी के खुमार में अंकित अंजित-
आँगन की आँखों में नीलाकाश शेष है।

अभी न जाओ प्राण - Abhi Na Jao Praan  Hindi Poem For Class 8  Class 8 Hindi Poem

अभी न जाओ प्राण! प्राण में प्यास शेष है,
प्यास शेष है।

अभी लहर तट के आलिंगन में है सोई,
अलिनी नील कमल के गन्ध गर्भ में खोई,
पवन पेड़ की बाँहों पर मूर्छित सा गुमसुम,
अभी तारकों से मदिरा ढुलकाता कोई,
एक नशा-सा व्याप्त सकल भू के कण-कण पर,
अभी सृष्टि में एक अतृप्ति-विलास शेष है।

Hindi Poem For Class 8 | Class 8 Hindi Poem

अभी न जाओ प्राण! प्राण में प्यास शेष है,
प्यास शेष है।

अभी मृत्यु-सी शांति पड़े सूने पथ सारे,
अभी न उषा ने खोले प्राची के द्वारे,
अभी मौन तरु-नीड़, सुप्त पनघट, नौकातट,
अभी चांदनी के न जगे सपने निंदियारे,
अभी दूर है प्रात, रात के प्रणय-पत्र में-
बहुत सुनाने सुनने को इतिहास शेष है।

अभी न जाओ प्राण! प्राण में प्यास शेष है,
प्यास शेष है॥

-

Gopaldas Neeraj

Kitne Hi Kaṭutam Kaanṭe Tum Mere Path Par Aaj Bichhaao,

Hindi Poem For Class 8 | Class 8 Hindi Poem

Famous Poems

महाभारत पर रोंगटे खड़े कर देने वाली हिंदी कविता - Mahabharata Poem On Arjuna

|| महाभारत पर रोंगटे खड़े कर देने वाली कविता || || Mahabharata Poem On Arjuna ||   तलवार, धनुष और पैदल सैनिक कुरुक्षेत्र में खड़े हुए, रक्त पिपासु महारथी इक दूजे सम्मुख अड़े हुए | कई लाख सेना के सम्मुख पांडव पाँच बिचारे थे, एक तरफ थे योद्धा सब, एक तरफ समय के मारे थे | महा-समर की प्रतिक्षा में सारे ताक रहे थे जी, और पार्थ के रथ को केशव स्वयं हाँक रहे थे जी ||    रणभूमि के सभी नजारे देखन में कुछ खास लगे, माधव ने अर्जुन को देखा, अर्जुन उन्हें  उदास लगे | कुरुक्षेत्र का महासमर एक पल में तभी सजा डाला, पांचजन्य  उठा कृष्ण ने मुख से लगा बजा डाला | हुआ शंखनाद जैसे ही सब का गर्जन शुरु हुआ, रक्त बिखरना हुआ शुरु और सबका मर्दन शुरु हुआ | कहा कृष्ण ने उठ पार्थ और एक आँख को मीच जड़ा, गाण्डिव पर रख बाणों को प्रत्यंचा को खींच जड़ा | आज दिखा दे रणभूमि में योद्धा की तासीर यहाँ, इस धरती पर कोई नहीं, अर्जुन के जैसा वीर यहाँ ||    सुनी बात माधव की तो अर्जुन का चेहरा उतर गया, ...

Arey Dwarpalo Kanhaiya Se Keh Do Lyrics | अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो लिरिक्स

Arey Dwarpalo Kanhaiya Se Keh Do Lyrics अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो लिरिक्स

सादगी तो हमारी जरा देखिये | Saadgi To Hamari Zara Dekhiye Lyrics | Nusrat Fateh Ali Khan Sahab

Saadgi To Hamari Zara Dekhiye Lyrics सादगी तो हमारी जरा देखिये   सादगी तो हमारी जरा देखिये,  एतबार आपके वादे पे कर लिया | मस्ती में इक हसीं को ख़ुदा कह गए हैं हम,  जो कुछ भी कह गए वज़ा कह गए हैं हम  || बारस्तगी तो देखो हमारे खुलूश कि,  किस सादगी से तुमको ख़ुदा कह गए हैं हम || किस शौक किस तमन्ना किस दर्ज़ा सादगी से,  हम करते हैं आपकी शिकायत आपही से || तेरे अताब के रूदाद हो गए हैं हम,  बड़े खलूस से बर्बाद हो गए हैं हम ||

Dar Pe Sudama Garib Aa Gaya Hai Lyrics | दर पे सुदामा गरीब आ गया है

Dar Pe Sudama Garib Aa Gaya Hai Lyrics दर पे सुदामा गरीब आ गया है  लिरिक्स देखो देखो ये गरीबी, ये गरीबी का हाल । कृष्ण के दर पे, विश्वास लेके आया हूँ ।। मेरे बचपन का यार है, मेरा श्याम । यही सोच कर मैं, आस कर के आया हूँ ।। अरे द्वारपालों, कन्हैया से कह दो । अरे द्वारपालों, कन्हैया से कह दो ।। के दर पे सुदामा, गरीब आ गया है । के दर पे सुदामा, गरीब आ गया है ।। भटकते भटकते, ना जाने कहां से । भटकते भटकते, ना जाने कहां से ।। तुम्हारे महल के, करीब आ गया है । तुम्हारे महल के, करीब आ गया है ।। ना सर पे है पगड़ी, ना तन पे हैं जामा । बता दो कन्हैया को, नाम है सुदामा ।। Dar Pe Sudama Garib Aa Gaya Hai Lyrics दर पे सुदामा गरीब आ गया है  लिरिक्स बता दो कन्हैया को, नाम है सुदामा । बता दो कन्हैया को, नाम है सुदामा ।। ना सर पे है पगड़ी, ना तन पे हैं जामा । बता दो कन्हैया को, नाम है सुदामा ।। हो..ना सर पे है पगड़ी, ना तन पे हैं जामा । बता दो कन्हैया को, नाम है सुदामा ।। बता दो कन्हैया को । नाम है सुदामा ।। इक बार मोहन, से जाकर के कह दो । तुम इक बार मोहन, से जाकर के कह दो ।। के मिलने सखा, बदनसीब आ...

Kahani Karn Ki Poem Lyrics By Abhi Munde (Psycho Shayar) | कहानी कर्ण की - Karna Par Hindi Kavita

Kahani Karn Ki Poem Lyrics By Psycho Shayar   कहानी कर्ण की - Karna Par Hindi Kavita पांडवों  को तुम रखो, मैं  कौरवों की भी ड़ से , तिलक-शिकस्त के बीच में जो टूटे ना वो रीड़ मैं | सूरज का अंश हो के फिर भी हूँ अछूत मैं , आर्यवर्त को जीत ले ऐसा हूँ सूत पूत मैं |   कुंती पुत्र हूँ, मगर न हूँ उसी को प्रिय मैं, इंद्र मांगे भीख जिससे ऐसा हूँ क्षत्रिय मैं ||   कुंती पुत्र हूँ, मगर न हूँ उसी को प्रिय मैं, इंद्र मांगे भीख जिससे ऐसा हूँ क्षत्रिय मैं ||   आओ मैं बताऊँ महाभारत के सारे पात्र ये, भोले की सारी लीला थी किशन के हाथ सूत्र थे | बलशाली बताया जिसे सारे राजपुत्र थे, काबिल दिखाया बस लोगों को ऊँची गोत्र के ||   सोने को पिघलाकर डाला शोन तेरे कंठ में , नीची जाती हो के किया वेद का पठंतु ने | यही था गुनाह तेरा, तू सारथी का अंश था, तो क्यों छिपे मेरे पीछे, मैं भी उसी का वंश था ?   यही था गुनाह तेरा, तू सारथी का अंश था, तो क्यों छिपे मेरे पीछे, मैं भी उसी का वंश था ? ऊँच-नीच की ये जड़ वो अहंकारी द्रोण था, वीरों की उसकी सूची में, अर्...