Mera Dekhna Na Kar De Use Sharmsaar Kehna - मिरा देखना न कर दे उसे शर्मसार कहना - Himanshi Babra | हिमांशी बाबरा
Mera Dekhna Na Kar De Use Sharmsaar Kehna - मिरा देखना न कर दे उसे शर्मसार कहना
हिमांशी बाबरा की ग़ज़ल | Himanshi Babra
नहीं मेरी वापसी का कोई ए'तिबार कहना
वो करे न ज़िंदगी भर मिरा इंतिज़ार कहना
वो मोहब्बतों के मौसम तुझे याद भी हैं हमदम
मिरा एक बार सुनना तेरा बार बार कहना
वो शरीफ़ आदमी है मिरा तज़्किरा करे ना
उसे जानती है दुनिया रहे होशियार कहना
जो हँसा है इत्तीफ़ाक़न तुम्हें देख कर मिरा मन
न इसे सितम समझना न इसे क़रार कहना
वो हर एक बीता लम्हा मुझे याद आ रहा है
तिरा मुझ से बात करना मिरा तुझ को यार कहना
ज़रा एहतियात रक्खे मिरे सामने न आए
मिरा देखना न कर दे उसे शर्मसार कहना
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