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ज़ुल्फ़ें सफ़ेद हो गईं उन्नीस साल में - Zulfein Safed Hogyi Unnees Saal Mein | हिमांशी बाबरा


ज़ुल्फ़ें सफ़ेद हो गईं उन्नीस साल में - Zulfein Safed Hogyi Unnees Saal Mein

HIMANSHI BABRA | हिमांशी बाबरा 

दिल ऐसे मुब्तला हुआ तेरे मलाल में

"ज़ुल्फ़ें सफ़ेद हो गईं उन्नीस साल में"

ज़ुल्फ़ें सफ़ेद हो गईं उन्नीस साल में - Zulfein Safed Hogyi Unnees Saal Me | हिमांशी बाबरा

ऐसे वो रो रहा था मिरा हाल देख कर

आया हुआ हो जैसे किसी इंतिक़ाल में


ये बात जानती हूँ मगर मानती नहीं

दिन कट रहे हैं आज भी तेरे ख़याल में


इक बार मुझ को अपनी निगहबानी सौंप दे

'उम्रें गुज़ार दूँगी तिरी देख-भाल में'



वो तो सवाल पूछ के आगे निकल गया

अटकी हुई हूँ मैं मगर उस के सवाल में

--

HIMANSHI BABRAहिमांशी बाबरा

ज़ुल्फ़ें सफ़ेद हो गईं उन्नीस साल में - Zulfein Safed Hogyi Unnees Saal Me | हिमांशी बाबरा

My heart so deeply immersed in your regret,
My hair turned white in just nineteen years, upset.

He wept, seeing the state I was in,
As though he had come from a place of death within.

I know this truth, but I won't accept it,
Still, my days pass in thoughts of you, unfit.

Just once, entrust me with your care,
I’ll spend my life looking after you, always there.

He asked a question and moved ahead,
I’m stuck, caught in his question instead.

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