Introduction: "Chalna Hamara Kaam Hai" (चलना हमारा काम है) is one of the most inspiring poems in Hindi literature, penned by the legendary Shivmangal Singh 'Suman'. Often studied in school curriculums alongside classics like The Heart of the Tree, this poem teaches us that success and failure are merely part of the journey. For students and literature lovers searching for the detailed summary (Bhavarth), question answers, and the PDF download, we have compiled a complete resource below.
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चलना हमारा काम है - Chalna Hamara Kaam Hai Kavita
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| Chalna Hamara Kaam Hai Kavita |
गति प्रबल पैरों में भरी
फिर क्यों रहूं दर दर खड़ा
जब आज मेरे सामने
है रास्ता इतना पड़ा
जब तक न मंजिल पा सकूँ,
तब तक मुझे न विराम है,
चलना हमारा काम है।
कुछ कह लिया, कुछ सुन लिया
कुछ बोझ अपना बँट गया
अच्छा हुआ, तुम मिल गई
कुछ रास्ता ही कट गया
क्या राह में परिचय कहूँ,
राही हमारा नाम है,
चलना हमारा काम है।
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| चलना हमारा काम है। |
जीवन अपूर्ण लिए हुए
पाता कभी खोता कभी
आशा निराशा से घिरा,
हँसता कभी रोता कभी
गति-मति न हो अवरूद्ध,
इसका ध्यान आठो याम है,
चलना हमारा काम है।
इस विशद विश्व-प्रहार में
किसको नहीं बहना पड़ा
सुख-दुख हमारी ही तरह,
किसको नहीं सहना पड़ा
फिर व्यर्थ क्यों कहता फिरूँ,
मुझ पर विधाता वाम है,
चलना हमारा काम है।
मैं पूर्णता की खोज में
दर-दर भटकता ही रहा
प्रत्येक पग पर कुछ न कुछ
रोडा अटकता ही रहा
निराशा क्यों मुझे?
जीवन इसी का नाम है,
साथ में चलते रहे
कुछ बीच ही से फिर गए
गति न जीवन की रूकी
जो गिर गए सो गिर गए
रहे हर दम,
उसी की सफलता अभिराम है,
चलना हमारा काम है।
फकत यह जानता
जो मिट गया वह जी गया
मूंदकर पलकें सहज
दो घूँट हँसकर पी गया
सुधा-मिक्ष्रित गरल,
वह साकिया का जाम है,
चलना हमारा काम है।
चलना हमारा काम है - कविता का भावार्थ (Summary)
शिवमंगल सिंह 'सुमन' द्वारा रचित यह कविता प्रेरणा से ओत-प्रोत है। यह कविता छात्रों के लिए उतनी ही प्रेरणादायक है जितनी अन्य छात्र जीवन पर हिंदी कविताएँ। कवि का कहना है कि मनुष्य के जीवन का मुख्य उद्देश्य निरंतर कर्म करते रहना है।
1. निरंतर गतिशीलता (Continuous Motion)
कवि कहते हैं कि जब हमारे पैरों में अपार शक्ति और ऊर्जा (गति प्रबल) भरी हुई है, तो हम हार मानकर क्यों बैठें? जब तक हमें अपनी मंजिल नहीं मिल जाती, तब तक हमें विश्राम करने का कोई अधिकार नहीं है।
2. सुख और दुख का संगम (Acceptance of Joy and Sorrow)
जीवन अपूर्ण है। इसमें कभी आशा है तो कभी निराशा, कभी हँसी है तो कभी रोना। कवि कहते हैं कि "सुधा-मिश्रित गरल" ही जीवन है, यानी जीवन में अमृत (सुख) और विष (दुख) दोनों मिले हुए हैं। हमें दोनों को समान भाव से स्वीकार करके आगे बढ़ना चाहिए।
3. सफलता का रहस्य (Secret of Success)
कवि के अनुसार, सफलता केवल उन्हीं को मिलती है जो गिरकर भी संभलते हैं और रुकते नहीं। रास्ते में कई साथी मिलते हैं और बिछड़ जाते हैं, लेकिन जो इन बाधाओं के बावजूद चलता रहता है, वही सच्चा "राही" है।
📚 Student's Literature Corner
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Frequently Asked Questions (Q&A)
Q: 'चलना हमारा काम है' कविता का मुख्य संदेश क्या है?
A: इस कविता का मुख्य संदेश 'चरैवेति' (चलते रहो) है। कवि संदेश देते हैं कि जीवन में चाहे जितनी भी बाधाएं आएं, या सुख-दुख मिलें, मनुष्य को कभी रुकना नहीं चाहिए। निरंतर प्रयास ही सफलता की कुंजी है।
Q: 'गति प्रबल पैरों में भरी' पंक्ति का क्या आशय है?
A: इसका अर्थ है कि कवि के अंदर आगे बढ़ने का असीम उत्साह और शक्ति है। जब मन और शरीर में इतनी ऊर्जा हो, तो निष्क्रिय होकर बैठना संभव नहीं है।
Q: कवि ने 'सुधा-मिश्रित गरल' किसे कहा है?
A: 'सुधा' का अर्थ अमृत और 'गरल' का अर्थ विष है। कवि ने जीवन को सुख और दुख का मिश्रण कहा है। हमें जीवन के इस कड़वे और मीठे घूँट को हँसकर पीना चाहिए।
We hope this detailed analysis and PDF of Chalna Hamara Kaam Hai helps you. Just as poetry enriches the soul, financial literacy secures the future. Don't forget to read our guide on Basics of Personal Finance for Students.
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