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Dil Me Kisi Ke Raah - Jigar Moradabadi's Best Ghazal | दिल में किसी के राह – Hindi & Roman Lyrics

Moradabadi's Best Ghazal | दिल में किसी के राह – Hindi & Roman Lyrics

Who Was Jigar Moradabadi?

Ali Sikandar Jigar Moradabadi (1890–1960) was one of the most celebrated Urdu poets of the 20th century. Born in Moradabad, Uttar Pradesh, his poetry continues to influence generations of ghazal lovers. Known for his romantic and philosophical verses, Jigar Sahab became a pillar of mushaira gatherings across India. His depth of emotion, lyrical beauty, and profound themes placed him among the greatest names in Urdu literature.

Moradabadi's Best Ghazal | दिल में किसी के राह – Hindi & Roman Lyrics

Jigar left an indelible mark on Urdu poetry—especially the ghazal genre. People traveled from distant places just to hear him recite.

He passed away in Gonda (UP) in 1960, but his poetry still lives in the hearts of millions.


Most Quoted Ghazal of Jigar Moradabadi

The following ghazal is one of the most famous and widely quoted pieces of Jigar Moradabadi. It captures heartbreak, beauty, and resilience in a way only he could express. 


Hindi Script (हिन्दी लिपि में):

दिल में किसी के राह किये जा रहा हूँ मैं  

कितना हसीं गुनाह किये जा रहा हूँ मैं  


फ़र्ज़-ए-अमल सियाह किये जा रहा हूँ मैं  

रहमत को बेपनाह किये जा रहा हूँ मैं  


ऐसी भी एक निगाह किये जा रहा हूँ मैं  

ज़र्रों को महर-ओ-माह किये जा रहा हूँ मैं  


गुलशन परस्त हूँ मुझे गुल ही नहीं अज़ीज़  

काँटों से भी निबाह किये जा रहा हूँ मैं  


यूँ ज़िन्दगी गुज़ार रहा हूँ तेरे बगैर  

जैसे कोई गुनाह किये जा रहा हूँ मैं  


Roman Urdu Script (Latin Transliteration):


dil meN kisii ke raah kiye jaa rahaa huuN maiN  

kitnaa hasiiN gunaah kiye jaa rahaa huuN maiN  


fard-e-amal siyaah kiye jaa rahaa huuN maiN  

rahmat ko bepanaah kiye jaa rahaa huuN maiN  


aisii bhii ek nigaah kiye jaa rahaa huuN maiN  

zarroN ko meher-o-maah kiye jaa rahaa huuN maiN  


gulshan-parast huuN, mujhe gul hii nahiN azeez  

kaantoN se bhii nibaah kiye jaa rahaa huuN maiN  


yuuN zindagii guzaar rahaa huuN tere baGhair  

jaise koii gunaah kiye jaa rahaa huuN maiN  



Why This Ghazal Is Special?

💔 Explores love and longing in a subtle, elegant manner.

✍️ Written in classic Urdu style, yet deeply relatable even today.

🎤 Regularly quoted in mushairas, shayari mehfils, and social media.

🧠 Contains deep philosophical undertones on sin, separation, and enduranc


Dil Me Kisi Ke Raah - Jigar Moradabadi's Best Ghazal



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