शंखनाद: प्रकाश 'नीलाभ' की यह वीर रस कविता आपकी रगों में जोश भर देगी! | Motivational Hindi Poem
शब्दों में जब शौर्य और साहस का संचार होता है, तो वीर रस की कविता का जन्म होता है। यह केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि सोई हुई चेतना को जगाने और असंभव को संभव करने की प्रेरणा देने का एक शक्तिशाली माध्यम है। आज Sahityashala पर हम एक ऐसी ही जोश भरी कविता प्रस्तुत कर रहे हैं जो आपके भीतर की शक्ति का आह्वान करेगी।
प्रस्तुत है लेखक और कवि प्रकाश 'नीलाभ' जी की कलम से निकली ओजस्वी रचना, "शंखनाद"।
शंखनाद
कर दो शंखनाद तुम, बोलो जय-जयकार तुम,
कि शाश्वत ही तो प्रकृति का श्रृंगार है!
हिमालय सा शीश कर, सूर्य का वह तेज धर,
तुही तो वह सर्वशक्तिमान है!
युद्ध का बिगुल बजा, शस्त्र हाथ पर सजा,
एक ही बार में शत्रु का संहार कर!
सिंह सी हो गर्जना, मेघों सा बरसना,
जो टिक गया वही यहाँ महान है!
चक्रव्यूह जो तोड़ सके, तू ही वो अभिमन्यु है,
इस एक घड़ी पर तुम जान निसार दो!
कर दो शंखनाद तुम, बोलो जय-जयकार तुम,
कि जीव ही तो प्रकृति का संचार है!
भीष्म सी प्रतिज्ञा हो, या एकलव्य सा तपना हो,
तुम्ही से ही तो राष्ट्र का निर्माण है!
राजधर्म पर जो डटे, किसी से फिर वह क्यु डरे,
यही एक मत शास्त्र के विधान है!
दीन-हीन की सुने, मुक्त मोह से रहे,
वह ही तो एक समर्थ रामदास है!
दूसरों से सीख ले, जो दूसरों को सीख दे,
वो ही मनुष्य देव के समान है!
कविता का भावार्थ: अपनी शक्ति का शंखनाद करें
प्रकाश 'नीलाभ' जी की यह प्रेरणादायक हिंदी कविता केवल शब्दों का संग्रह नहीं, बल्कि एक स्पष्ट आह्वान है।
आत्म-शक्ति को पहचानें: कविता की शुरुआती पंक्तियाँ हमें याद दिलाती हैं कि हमारे भीतर हिमालय जैसी दृढ़ता और सूर्य जैसा तेज है। यह हर व्यक्ति को अपनी आंतरिक शक्ति को पहचानने के लिए प्रेरित करती है।
कर्म का संदेश: "युद्ध का बिगुल बजा" और "शत्रु का संहार कर" जैसी पंक्तियाँ जीवन में आने वाली चुनौतियों और बाधाओं (शत्रुओं) से लड़ने का संदेश देती हैं। यह कविता हमें अभिमन्यु की तरह साहसी और भीष्म की तरह दृढ़ निश्चयी बनने को कहती है।
राष्ट्र निर्माण में योगदान: कविता इस बात पर जोर देती है कि व्यक्ति के पराक्रम और तप से ही राष्ट्र का निर्माण होता है। जब कोई व्यक्ति अपने राजधर्म (कर्तव्य) पर बिना डरे टिका रहता है, तो वह समाज को मजबूत बनाता है।
मानवता का आदर्श: अंतिम पंक्तियाँ एक आदर्श मनुष्य की परिभाषा देती हैं—जो दीन-हीनों की मदद करे, मोह से मुक्त हो, और ज्ञान का आदान-प्रदान करे। ऐसा व्यक्ति ही देवता के समान पूजनीय है।
यह शक्तिशाली हिंदी कविता हर उस व्यक्ति के लिए है जो जीवन में एक नई ऊर्जा और दिशा की तलाश में है।
कवि के बारे में: प्रकाश 'नीलाभ'
प्रकाश 'नीलाभ' एक लेखक हैं जो कविताएँ, कहानियाँ और बहुत कुछ लिखते हैं। उनका मानना है कि, "जब आपका काम लोगों द्वारा सराहा जाता है, तो यह किसी भी लेखक के लिए सबसे अच्छी बात होती है।" उनकी यह रचना निश्चित रूप से पाठकों के दिलों में एक अमिट छाप छोड़ेगी।