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Khaali Hota Jaata Hun | खाली होता जाता हूँ - Harsh Nath Jha | Sad Poems In Hindi

 खाली होता जाता हूँ | Khaali Hota Jaata Hun

Harsh Nath Jha Hindi Poems

Poems By Harsh Nath Jha

ये आँसू बहते क्यों नहीं

क्यों नहीं मैं रो पाता हूँ ?

अंदर क्यों इतना खाली हूँ ?

क्यों खाली होता जाता हूँ ?


खाली होता जाता हूँ - Harsh Nath Jha  Sad Poems In Hindi


ये डर नहीं, फिर है क्या ?

ये बिना चोट का दर्द है

जो जज़्बा दिल में खत्म हुआ

शायद उसी का सर्द है ।


किस पर मैं करूँ क्रोध भला

किसको गलत ठहराऊँ मैं ?

क्यों नहीं मैं रो पाता हूँ

क्यों ख़ुद को तड़पाऊँ मैं ?


Khaali Hota Jaata Hun | खाली होता जाता हूँ - Harsh Nath Jha | Sad Poems In Hindi


हर बार मैं जीत के भी

हार ही क्यों जाता हूँ ?

अंदर क्यों इतना खाली हूँ ?

क्यों खाली होता जाता हूँ ?


किस पर करूँ भरोसा मैं ?

जब भरोसा ख़ुद में खो रहा हूँ

किससे आँसू छिपाऊँ जब

बिन आँसू के रो रहा हूँ ?


खाली होता जाता हूँ - Harsh Nath Jha  Sad Poems In Hindi

मुझको सब गलत क्यों लगता है ?

मैं अब किससे डरता हूँ ?

कैसी मेरी ये जीत है?

मैं तो हर पल मरता हूँ ।


किस दिन आँसू बहाऊँगा मैं ?

किस दिन फिर रो पाऊँगा ?

अंदर क्यों इतना खाली हूँ ?

क्यों खाली होता जाता हूँ ?

-

हर्ष नाथ झा

खाली होता जाता हूँ - Harsh Nath Jha | Sad Poems In Hindi

Sad Poems In Hindi

Sad Shayari In Hindi



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