क्या कभी आपने ऐसा महसूस किया है कि आप अपने ही घर में अजनबी हो गए हैं? जब खून के रिश्ते भी औपचारिकता (formality) बन जाएं, तो दिल पर क्या गुजरती है? Himanshi Babra की यह ग़ज़ल—"मेरे अपने मुझे ग़ैरों की तरह देखते हैं"—सीधे उसी दुखती रग पर हाथ रखती है।
हिंदी और उर्दू शायरी (Hindi Urdu Poetry) की दुनिया में हिमांशी बाबरा एक ऐसा नाम हैं जिनकी आवाज़ सीधे रूह में उतर जाती है। आज Sahityashala पर हम न केवल इस दिल को छू लेने वाली ग़ज़ल के Lyrics पढ़ेंगे, बल्कि इसके हर एक शेर का मतलब (Meaning/Tashreeh) भी समझेंगे ताकि आप शायरा के जज़्बातों को गहराई से महसूस कर सकें।
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| Mere Apne Mujhe Gairon Ki Tarah Dekhte Hain |
Ghazal Highlights (Quick Overview)
| Poet (Shayara) | Himanshi Babra (हिमांशी बाबरा) |
|---|---|
| Genre | Sad Ghazal / Social Commentary |
| Key Emotion | Alienation, Innocence, Devotion |
| Famous Line | "Hum tujhe farz namazon ki tarah dekhte hain" |
Mere Apne Mujhe Gairon Ki Tarah Dekhte Hain - Full Lyrics (Hindi)
यहाँ पढ़िए हिमांशी बाबरा की आवाज़ में वायरल हुई मुकम्मल ग़ज़ल (Written Lyrics):
और हम हैं... तुझे बच्चों की तरह देखते हैं
हम को दुनिया ने लकड़हारा समझ रक्खा है
हम तो पेड़ों को परिंदों की तरह देखते हैं
मैं जो देखूँ तो झपकती नहीं आँखें मेरी
और हज़रत मुझे अंधों की तरह देखते हैं
तुम तो फिर ग़ैर हो, तुम से तो शिकायत कैसी
मेरे अपने मुझे ग़ैरों की तरह देखते हैं
तेरा दीदार क़ज़ा होता नहीं है हम से
हम तुझे फ़र्ज़ नमाज़ों की तरह देखते हैं
— हिमांशी बाबरा
Hinglish Translation - Log to Log Hain
English font mein padhne walon ke liye Hinglish Lyrics:
Aur hum hain… tujhe bachchon ki tarah dekhte hain.
Duniya ne humein lakadhara samajh rakha hai,
Hum toh pedon ko parindon ki tarah dekhte hain.
Main jo dekhoon toh aankhein palak tak nahi jhapakti,
Aur Hazrat mujhe andhon ki tarah dekhte hain.
Tum toh phir gair ho, tum se shikayat kaisi,
Mere apne hi mujhe gairon ki tarah dekhte hain.
Tera deedar humein kabhi qaza nahi hota,
Hum tujhe farz namaazon ki tarah dekhte hain.
— Himanshi Babra
Ghazal Tashreeh: Meaning & Analysis
सिर्फ शब्द पढ़ना काफी नहीं है, चलिए इस शायरी की गहराई में उतरते हैं।
1. मासूमियत बनाम दुनियादारी
"लोग तो लोग हैं, लोगों की तरह देखते हैं, और हम हैं तुझे बच्चों की तरह देखते हैं"
यहाँ शायरा कहना चाहती हैं कि दुनिया की नज़र में हर चीज़ में 'फायदा और नुकसान' होता है। लेकिन प्रेम (Love) में एक मासूमियत होती है, जैसे एक बच्चा दुनिया को बिना किसी जजमेंट के देखता है।
2. गलतफहमी का शिकार (Misunderstood Character)
"हम को दुनिया ने लकड़हारा समझ रक्खा है, हम तो पेड़ों को परिंदों की तरह देखते हैं"
यह शेर बहुत गहरा है। लकड़हारा (Woodcutter) पेड़ों को काटने के लिए देखता है, लेकिन परिंदा (Bird) पेड़ों को अपने घर (आश्रय) के रूप में देखता है। हिमांशी जी कह रही हैं कि दुनिया मुझे कठोर समझती है, लेकिन मेरे अंदर ममता और प्रेम भरा है।
3. इबादत जैसा इश्क़ (Love as Worship)
"तेरा दीदार क़ज़ा होता नहीं है हम से, हम तुझे फ़र्ज़ नमाज़ों की तरह देखते हैं"
इस्लाम में पाँच वक्त की नमाज़ 'फ़र्ज़' (Compulsory) है, जिसे छोड़ा नहीं जा सकता। 'क़ज़ा' का मतलब है छूट जाना। शायरा अपने महबूब के दीदार (Sight) को नमाज़ जितना ही पवित्र और ज़रूरी मानती हैं।
Who is Himanshi Babra? (हिमांशी बाबरा कौन हैं?)
हिमांशी बाबरा आज के दौर की एक चर्चित कवियित्री और परफ़ॉर्मर हैं। उनकी शैली पारंपरिक मुशायरों से अलग, बेहद conversational और दिल को छू लेने वाली है। वो अक्सर ऐसे जज़्बातों को लफ्ज़ देती हैं जो युवा पीढ़ी (Gen Z) के दिलों में दबे रह जाते हैं।
जहाँ Zulfein Safed Hogyi Unnees Saal Mein में वो जवानी के तनाव की बात करती हैं, वहीं Naujawaan Log Paijaame Ko Bura Kehte Hain में वो पीढ़ियों के बीच के अंतर को दर्शाती हैं।
FAQ: Himanshi Babra Ghazal
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