क्या आपने कभी सोचा है कि भक्ति और मित्रता का सबसे ऊँचा शिखर कौन सा है? जब भी यह सवाल उठता है, जुबां पर बस एक ही नाम आता है—कृष्ण और सुदामा। "अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो" (Are Dwarpalo Kanhaiya Se Keh Do) केवल एक भजन नहीं, बल्कि एक भावुक संवाद है जो हर भक्त की आँखों में आंसू ला देता है।
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| "चरण आंसुओं से, श्याम ने धुलाये" — मित्रता का वो दृश्य जिसने तीनों लोकों को रुला दिया। |
अक्सर लोग गूगल पर इस भजन की सबसे प्रसिद्ध पंक्ति "Na sar pe hai pagdi na tan pe hai jama" ढूंढते हुए यहाँ आते हैं। आज साहित्यशाला (Sahityashala) पर हम आपके लिए इस भजन के संपूर्ण Hindi और English Lyrics लेकर आए हैं। यह भजन Manoj Mishra की जादुई आवाज़ में सबसे ज्यादा लोकप्रिय है।
यदि आप कृष्ण के विराट स्वरूप और महाभारत के दर्शन को समझना चाहते हैं, तो हमारी विशेष पोस्ट अरे कान खोलकर सुनो पार्थ (Krishna's Warning) और महाभारत की कविताएं जरूर पढ़ें।
अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो (Hindi Lyrics)
यहाँ प्रस्तुत है "दर पे सुदामा गरीब आ गया है" का शुद्ध हिंदी रूपांतरण। इसे पढ़ते समय उस दृश्य की कल्पना करें जब सुदामा जी द्वारकाधीश के महल के बाहर खड़े थे।
(स्थायी)
देखो देखो ये गरीबी,
ये गरीबी का हाल।
कृष्ण के दर पे,
विश्वास लेके आया हूँ।
मेरे बचपन का यार है,
मेरा श्याम।
यही सोच कर मैं,
आस कर के आया हूँ।
अरे द्वारपालों,
कन्हैया से कह दो।
अरे द्वारपालों,
कन्हैया से कह दो।
के दर पे सुदामा,
गरीब आ गया है।
के दर पे सुदामा,
गरीब आ गया है।
(अंतरा १)
भटकते भटकते,
ना जाने कहां से।
भटकते भटकते,
ना जाने कहां से।
तुम्हारे महल के,
करीब आ गया है।
तुम्हारे महल के,
करीब आ गया है।
(विशेष पंक्ति)
ना सर पे है पगड़ी,
ना तन पे है जामा।
बता दो कन्हैया को,
नाम है सुदामा।
बता दो कन्हैया को,
नाम है सुदामा।
(अंतरा २)
इक बार मोहन,
से जाकर के कह दो।
तुम इक बार मोहन,
से जाकर के कह दो।
के मिलने सखा,
बदनसीब आ गया है।
के दर पे सुदामा,
गरीब आ गया है।
(अंतरा ३)
सुनते ही दौड़े,
चले आये मोहन।
लगाया गले से,
सुदामा को मोहन।
हुआ रुक्मणि को,
बहुत ही अचम्भा।
ये मेहमान कैसा,
अजीब आ गया है।
(समापन)
बराबर में अपने,
सुदामा बैठाये।
चरण आंसुओं से,
श्याम ने धुलाये।
ना घबराओ प्यारे,
जरा तुम सुदामा।
खुशी का समा तेरे,
करीब आ गया है।
के दर पे सुदामा,
गरीब आ गया है।
Meaning of "Na Sar Pe Hai Pagdi" (भावार्थ)
इस भजन की सबसे ज्यादा खोजी जाने वाली पंक्ति है: "ना सर पे है पगड़ी, ना तन पे है जामा"। इसका गहरा अर्थ सुदामा जी की परम विरक्ति और गरीबी है।
- पगड़ी (Pagdi): सम्मान और प्रतिष्ठा का प्रतीक।
- जामा (Jama): शरीर ढकने का पूरा वस्त्र।
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| "अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो" — भक्ति के सुर और श्याम की मुरली। |
सुदामा जी कृष्ण के द्वार पर बिना किसी अहंकार और बिना किसी भौतिक सुख-सुविधा के पहुँचे थे। यह मित्रता वैसी ही निस्वार्थ थी जैसी हमने कहानी कर्ण की (Kahani Karn Ki) में देखी, जहाँ दान और मित्रता सर्वोपरि थी।
Are Dwarpalo Kanhaiya Se Keh Do Lyrics (Hinglish)
For our readers who prefer reading in English script, here is the full version useful for Antakshari or Karaoke.
Dekho dekho yeh gareebi,
Yeh gareebi ka haal.
Krishna ke dar pe,
Vishwas leke aaya hoon.
Mere bachpan ka yaar hai,
Mera Shyam.
Yahi soch kar main,
Aas kar ke aaya hoon.
Are dwarpalo,
Kanhaiya se keh do.
Are dwarpalo,
Kanhaiya se keh do.
Ke dar pe Sudama,
Gareeb aa gaya hai.
Ke dar pe Sudama,
Gareeb aa gaya hai.
Bhatakte bhatakte,
Na jaane kahaan se.
Bhatakte bhatakte,
Na jaane kahaan se.
Tumhare mahal ke,
Kareeb aa gaya hai.
Tumhare mahal ke,
Kareeb aa gaya hai.
Na sar pe hai pagdi,
Na tan pe hai jama.
Bata do Kanhaiya ko,
Naam hai Sudama.
Bata do Kanhaiya ko,
Naam hai Sudama.
Ek baar Mohan,
Se jaakar ke keh do.
Tum ek baar Mohan,
Se jaakar ke keh do.
Ke milne sakha,
Badnaseeb aa gaya hai.
Ke dar pe Sudama,
Gareeb aa gaya hai.
Sunte hi daude,
Chale aaye Mohan.
Lagaya gale se,
Sudama ko Mohan.
Hua Rukmani ko,
Bahut hi achambha.
Yeh mehmaan kaisa,
Ajeeb aa gaya hai.
Barabar mein apne,
Sudama baithaye.
Charan aansuon se,
Shyam ne dhulaye.
Na ghabraao pyaare,
Zara tum Sudama.
Khushi ka sama tere,
Kareeb aa gaya hai.
Ke dar pe Sudama,
Gareeb aa gaya hai.
Watch Sudama Charit Bhajan (Manoj Mishra)
भजन के बोल पढ़ने के साथ-साथ, इसे सुनना एक अलग ही आनंद देता है। नीचे दिए गए वीडियो में आप मनोज मिश्रा द्वारा गाये गए इस भजन का आनंद ले सकते हैं।
Conclusion: The Power of Simplicity
"दर पे सुदामा गरीब आ गया है" हमें सिखाता है कि मित्रता में ऊंच-नीच का कोई स्थान नहीं होता। सादगी में जो सुंदरता है, वो दिखावे में नहीं। यदि आपको ऐसे भावपूर्ण गीत पसंद हैं, तो आप सादगी तो हमारी ज़रा देखिए भी पढ़ सकते हैं।
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| "मेरे बचपन का यार है मेरा श्याम" — बचपन की वो दोस्ती जो अमीरी-गरीबी से परे थी। |
कृष्ण को समझना आसान नहीं है, कभी वो प्रेमी हैं तो कभी रणभूमि के संचालक। उनकी वाणी का तेज देखने के लिए खुद को ईश्वर कहते हो (Rashmirathi) और वीर रस से भरी तलवार धनुष और पैदल सैनिक कविता जरूर पढ़ें।
Frequently Asked Questions
1. 'अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो' भजन के गायक कौन हैं?
इस अत्यंत लोकप्रिय भजन को कई कलाकारों ने गाया है, लेकिन मनोज मिश्रा (Manoj Mishra) का वर्जन सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है।
2. "ना सर पे है पगड़ी" का क्या अर्थ है?
इसका अर्थ है कि सुदामा जी अत्यंत गरीब अवस्था में हैं। उनके पास न तो सिर ढकने के लिए पगड़ी है और न ही शरीर पर पहनने के लिए पूरा वस्त्र (जामा)।
3. सुदामा कृष्ण के लिए क्या उपहार लेकर गए थे?
सुदामा जी अपने सखा कृष्ण के लिए उपहार स्वरूप तंदुल (चावल) की एक छोटी सी पोटली लेकर गए थे।