Mahadevi Verma Hindi Poem
कौन ? - ढुलकते आँसू-सा सुकुमार
महादेवी वर्मा हिंदी कविता
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Mahadevi Verma Ji Ki Hindi Kavita - ढुलकते आँसू सा सुकुमार - कौन |
ढुलकते आँसू-सा सुकुमार
बिखरते सपनों-सा अज्ञात,
चुराकर अरुणा का सिन्दूर
मुस्कराया जब मेरा प्रात,
छिपाकर लाली में चुपचाप
सुनहला प्याला लाया कौन?
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Mahadevi Verma Ji Ki Hindi Kavita - ढुलकते आँसू सा सुकुमार - कौन |
हँस उठे छूकर टूटे तार
प्राण में मँड़राया उन्माद,
व्यथा मीठी ले प्यारी प्यास
सो गया बेसुध अन्तर्नाद,
घूँट में थी साकी की साध
सुना फिर-फिर जाता है कौन?
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महादेवी वर्मा
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