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Jo Beet Gayi So Baat Gayi Hindi Poem - जो बीत गई सो बात गई | Harivansh Rai Bachchan Poems

Jo Beet Gayi So Baat Gayi Hindi Poem - जो बीत गई सो बात गई

Harivansh Rai Bachchan Hindi Poems

हरिवंश राय बच्चन हिंदी कविता

Jo Beet Gayi So Baat Gayi Hindi Poem - जो बीत गई सो बात गई | Harivansh Rai Bachchan Poem

जीवन में एक सितारा था
माना वह बेहद प्यारा था
वह डूब गया तो डूब गया
अंबर के आंगन को देखो
कितने इसके तारे टूटे
कितने इसके प्यारे छूटे
जो छूट गए फिर कहाँ मिले
पर बोलो टूटे तारों पर
कब अंबर शोक मनाता है
जो बीत गई सो बात गई

Jo Beet Gayi So Baat Gayi Hindi Poem - जो बीत गई सो बात गई | Harivansh Rai Bachchan Poem

जीवन में वह था एक कुसुम
थे उस पर नित्य निछावर तुम
वह सूख गया तो सूख गया
मधुबन की छाती को देखो
सूखीं कितनी इसकी कलियाँ
मुरझाईं कितनी वल्लरियाँ
जो मुरझाईं फिर कहाँ खिलीं
पर बोलो सूखे फूलों पर
कब मधुबन शोर मचाता है

Jo Beet Gayi So Baat Gayi Hindi Poem - जो बीत गई सो बात गई | Harivansh Rai Bachchan Poem

जो बीत गई सो बात गई
जीवन में मधु का प्याला था
तुमने तन मन दे डाला था
वह टूट गया तो टूट गया

मदिरालय का आँगन देखो
कितने प्याले हिल जाते हैं
गिर मिट्टी में मिल जाते हैं
जो गिरते हैं कब उठते हैं
पर बोलो टूटे प्यालों पर
कब मदिरालय पछताता है
जो बीत गई सो बात गई

Jo Beet Gayi So Baat Gayi Hindi Poem - जो बीत गई सो बात गई | Harivansh Rai Bachchan Poem

मृदु मिट्टी के बने हुए
मधु घट फूटा ही करते हैं
लघु जीवन ले कर आए हैं
प्याले टूटा ही करते हैं
फ़िर भी मदिरालय के अन्दर
मधु के घट हैं, मधु प्याले हैं
जो मादकता के मारे हैं
वे मधु लूटा ही करते हैं
वह कच्चा पीने वाला है
जिसकी ममता घट प्यालों पर
जो सच्चे मधु से जला हुआ
कब रोता है चिल्लाता है
जो बीत गई सो बात गई

Jo Beet Gayi So Baat Gayi Hindi Poem - जो बीत गई सो बात गई | Harivansh Rai Bachchan Poem

Hindi Kavita By Harivansh Rai Bachchan

Hindi Poetry By Harivansh Rai Bachhan

 

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