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मुझको इतने से काम पे रख लो - Mujhko Itne Se Kaam Pe Rakh Lo | Gulzar Sahab Ghazal

मुझको इतने से काम पे रख लो - Mujhko Itne Se Kaam Pe Rakh Lo

Gulzar Sahab Ghazal

मुझको इतने से काम पे रख लो

जब भी सीने पे झूलता लॉकेट

उल्टा हो जाए तो मैं हाथों से

सीधा करता रहूँ उसको


मुझको इतने से काम पे रख लो

मुझको इतने से काम पे रख लो - Mujhko Itne Se Kaam Pe Rakh Lo | Gulzar Sahab Ghazal

जब भी आवेज़ा उलझे बालों में

मुस्कुराके बस इतना सा कह दो

आह चुभता है ये अलग कर दो


मुझको इतने से काम पे रख लो


जब ग़रारे में पाँव फँस जाए

या दुपट्टा किवाड़ में अटके

एक नज़र देख लो तो काफ़ी है


मुझको इतने से काम पे रख लो

-

गुलज़ार

मुझको इतने से काम पे रख लो - Mujhko Itne Se Kaam Pe Rakh Lo | Gulzar Sahab Ghazal

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